अल्लाहू अल्लाह अल्लाहू अल्लाह अल्लाहू

 अल्लाहू अल्लाह अल्लाहू अल्लाह अल्लाहू

तेरी सना कुर्जा अय अब्दे रहाँ अय सबके आका


हस्बी रब्बी जल्लल्लाह माफी कल्बी गैरल्लाह

नूर मोहम्मद सल्लल्लाहअल्लाहू अल्लाह


हश्र के दिन सबने लाख किये सजदे

रब न हुआ राज़ी काम नही आए

देख के सब हैराँ बख़शिश का सामाँ आपका इक सजदा


अल्लाहू अल्लाह


चाँद से भी रौशन चेहरा पाया है

आपको खालिक ने ऐसा बनाया है

मुशरिक आते हैं ईमाँ लाते हैं देखके बस चेहरा


अल्लाहू अल्लाह


अर्श के हो तारे शम्सो हैराल्ड द हो तुम

नूर सरापा हो या के बशर हो तुम

फिक्र हिरासा है अक्ले हैराँ है क्या हो तुम अय आका


अल्लाहू अल्लाह


तेरा खुदा आला तू भी नबी अफज़ल

तेरे कदम अशरफ तेरी ज़मी अफज़ल

तू कैसा होगा जब शहरे तैबा अर्श का है टुकड़ा


अल्लाहू अल्लाह


अय इब्ने हैदर आपकी कुरबानी

क्यूँ न बने दुनियाँ आपकी दीवानी

अय मेरे आका आपका है सदका आलम है कहता


अल्लाहू अल्लाह


बोला फरिश्ता हम साथ न जाएगें

हम जो बढ़े आगे पर जल जाएगें

तुम होे हबीबे रब रब ने बुलाया है आज तुम्हें तन्हा


अल्लाहू अल्लाह


सारी ज़मीं देखी सारे जमाँ देखे

देखने वालों ने दोनों जहाँ देखे

हर एक को देखा कोई नहीं पाया आप सा अय आका


अल्लाहू अल्लाह


पथरीली धरती और इन्सों हैवाँ

पत्थर के बुत थे पत्थर दिल इन्साँ

वो जो शजर आया उसने ही पढ़वाया पत्थर से कल्मा


अल्लाहू अल्लाह
__

Tagged:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *