अहल बैत को अलैहिस्सलाम कहना
कुर्आन हदीस की रौशनी में
वैसे तो अलैहिस सलाम के लुग्वी माना होते हैं कि उस पर सलामती , रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया "आपस में एक दूसरे में सलाम को आम करो" अब हम अगर किसी को अस्सलामो अलैकुम कह रहे है इसका मतलब है हमने उसे अलैहिस्सलाम ही कहा है और उसके जवाब में वअलैकुम अस सलाम कहने वाला भी सलाम करने वाले को अलैहिस सलाम कह रहा है
ऐसे ही अक्सर शादी के कार्ड में दुल्हे को सल्लमहू लिखना भी उसे मानवी ऐतबार से अलैहिस सलाम कहना ही है मगर हमारे अइम्मए अहले सुन्नत ने मुहद्देसीन व मुजद्देदीन ने लफ्जे अलैहिस सलाम अंम्बिया के नामों के साथ लिखा तो तख़्सीस के साथ अंम्बिया के नामों के साथ अलैहिस सलाम कहना हम सुन्नियों का शेवा हो गया । रहा सवाल अइम्मए अहले बैत के साथ अलैहिस सलाम कहने का तो इमाम बुख़ारी से लेकर अक्सर अइम्मए अहले सुन्नत ने उन्हें भी अलैहिस सलाम लिखा और कुछ अइम्मए अहले सुन्नत ने "रज़ी अल्लाह अन्हों" भी लिखा
लेकिन अहले बैत को अलैहिस्सलाम न कहा जाए इस पर किसी ने शिद्दत इख़तेयार नहीं की और न ही अइम्मए अहले बैत को अलैहिस सलाम कहने से किसी सुन्नी इमाम ने रोका -
1.इमाम बुख़ारी
सही बुख़ारी की दूसरी जिल्द के सफा 298 पर लिखते हैं-
कि "قال علی علیہ السلام" (अली अलैहिस सलाम ने फ़रमाया)
2. इमाम बुख़ारी सफा 914 बाब मनाकिबे किराबते रसूलल्लाह में लिखते हैं- कि"و منقبت فاطمہ علیہ السلام"
3. सफ़ा 861 किताब फरजुल खुमुस के बाब में लिखते हैं-
कि" ان حسین بن علی علیہ السلام" ( हुसैन बिन अली अलैहिस सलाम )
4. मसाएले सुलह के बयान के सफा 177 पर लिखा है-
कि" وقال لفاطمۃ علیہ السلام"( और हज़रत अली ने फातेमा अलैहिस सलाम से कहा )
5.तीसरी जिल्द के सफ़ा 162 पर लिखते हैं -
कि"باب بعث علی بن ابی طالب علیہ السلام و خالد بن ولید"(रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने अली अलैहिस सलाम को और ख़ालिद बिन वलीद को यमन भेजा)
6. सही बुख़ारी शरीफ़ किताबुल मग़ाज़ी सफा नं 655 पर अली बिन अबी तालिब अलैहिस सलाम लिखा
7. तबकात कबीर में इमामे अहले सुन्नत इमाम ज़हरी ने सफा नं 65 और 96 पर अली अलैहिस सलाम लिखा
8. फजायले कुआन के बाब में इमाम बुख़ारी ने सफा नं 994 पर हुसैन अलैहिस सलाम लिखा
9. इमाम अहमद बिन हम्बल ने फ़ज़ायले सहाबा के पेज नं 695 में अली अलैहिस सलाम लिखा
10. सफा 218 किताबुल जेहाद वस्सेयर के बाब लिबसिल बैज़ा में फ़ातिमा अलैहिस सलाम लिखा
11. फ़ाज़िले बरेलवी ने एआलिल अफ़ादा फी ताज़ियतिल हिन्द व बयानिश्शहादा के सफा नं 3 पर हुसैन अलैहिस सलाम लिखा
12. इस्बातुल वसिय्यत में इमाम अबुल हसन अली बिन हुसैन बिन अली सऊदी हज़ली साहिबे "मुरुजज़्ज़हब" (जिनका विसाल 346 हिजकी में हुआ उन्होंने भी अइम्मए अहले बैत और सैय्यदा फ़ातिमा को) अलैहस सलाम लिखा
जब तमाम अइम्मए अहले सुन्नत अहले बैत को अलैहिस सलाम लिख रहे हैं तो हमें इसे रोकने के लिये शिद्दत इख्तियार करना ख़ारजियत की अलामत हो सकती है जिस्से बच कर हम अपने ईमानों अकीदो की हिफाज़त कर सकते हैं
ब हवाला - इन्किशाफ 07-10
मुअल्लिफ
पीरज़ादा हजरत अल्लामा मौलाना
मुफ्ती सैयद शजर अली वक़ारी मदारी
साहब क़िबला
फाज़िले साउथ अफ्रीका दारून्नूर मकनपुर शरीफ
जिला कानपुर नगर यूपी
मोबाइल नंबर - 786 010 5441