نہ جانے کس قدر ہیں بے بہا کانٹے مدینے کے

 


न जाने किस क़दर हैं वे बहा काँटे मदीने के
गुलाबों के हैं दिल का मुद्दआ काँटे मदीने के

इताअत का यह ज़ौक़े वालिहाना देखले दुनिया
है दामन हज़रते सिद्दीक़ का काँटे मदीने केmadaarimedia.com

मिले मेराज मेरी आबला पाई को तैबा में
कभी कह दें जो मुझसे मरहबा काँटे मदीने के

न कर पामाल इनको यह हैं रश्के गुलशने जन्नत
अरे नादाँ तू आँखों से लगा काँटे मदीने के

ग़मे आले मुहम्मद की चुभन है इनके सीने में
लिये हैं दिल में दर्द करबला काँटे मदीने के

दयारे मुस्तफा की बादियों से दूर मत करना
खुदा से माँगते हैं यह दुआ काँटे मदीने के

खुदा लिख देगा क़िस्मत में तेरी जन्नत की रानाई
अक़ीदत से तू पलकों पर सजा काँटे मदीने के

मुयस्सर सोज़ है जन्नत की क्यारी की फ़ज़ा इनको
हैं गुलज़ारे इरम का आईना काँटे मदीने के
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