काश तैबा में आक़ा बुलाऐं
सर के बल हम मदीने को जाऐं
एक दिन बारगाहे नबी में
अपनी मक़बूल होंगी दुआऐं
madaarimedia.com
मिट गई कुफरो बिदअत की ज़ुल्मत
नूरे हक़ की जो फैलीं ज़ियाऐं
मैं गुलामे शहे अम्बिया हूँ
हादिसे मुझसे दामन बचाऐं
लब पे आया जो नामे मुहम्मद
हो गयीं दूर सारी बलाऐं
जाके बादे सबा तू मदीना
अर्ज़ कर दे मेरी इल्तिजाऐं
सोज़, नाज़ाँ है रहमत पे उनकी
दो जहाँ जिनपे कुरबान जाऐं
सर के बल हम मदीने को जाऐं
एक दिन बारगाहे नबी में
अपनी मक़बूल होंगी दुआऐं
madaarimedia.com
मिट गई कुफरो बिदअत की ज़ुल्मत
नूरे हक़ की जो फैलीं ज़ियाऐं
मैं गुलामे शहे अम्बिया हूँ
हादिसे मुझसे दामन बचाऐं
लब पे आया जो नामे मुहम्मद
हो गयीं दूर सारी बलाऐं
जाके बादे सबा तू मदीना
अर्ज़ कर दे मेरी इल्तिजाऐं
सोज़, नाज़ाँ है रहमत पे उनकी
दो जहाँ जिनपे कुरबान जाऐं
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