کون یہاں ہے کس کا ساتھی یہ مطلب کی دنیا ہے

 


कौन यहाँ है किसका साथी यह मतलब की दुनिया है
जो दुखियों के आँसू पोछे वोह तो मदीने वाला है

ऐसा करम फरमाने वाला कोई बताओ देखा है
बाँधे है अपने पेट से पत्थर और दुनिया का दाता है

इन्ना आतैना कल कौसर कुरऔं में फरमाया है
ख़ालिक़े आज़म ने ए आक़ा आपको सब कुछ बख्शा है

नूरे मुजस्सम के क़दमों को प्यार से तूने चूमा है
अर्जे मदीना अर्श का हमसर तेरा ज़र्रा ज़र्रा है
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दर दर ठोंकर खाने वालो इस दर्जा बे आस न हो

आओ माँगें भीख उसी से जो रहमत का दरिया है

अपनी तो बद आमाली से बख्शिश की उम्मीद नही
महशर में ए शाफेऐ महशर तेरा एक सहारा है

दोनो जहाँ की भीख मिली है तेरी ही तावानी से
तुझमें मकीं है नूरे मुजस्सम ख़ज़रा तेरा क्या कहना है

सोज़, चलो दरबारे मदीना क्या है भरोसा जीने का
जाने कब होता है सवेरा दुनिया रैन बसेरा है
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