Home / Kalaam_Syed_Shajar_Ali

Browsing Tag: Kalaam_Syed_Shajar_Ali

 इश्के नबी का आँख में भर के तू नूरी काजल चल मदीने चल चल मदीने चल दर पे पहुंच के प्यारे नबी के तुम बा चश्मे नम कहना उस दरबारे आली में इक रोज तो पहुंचे हम कहना उनसे कहना हमको बुला लें आज नहीं तो कल...

 काश उनके गुम्बदो मीनार के साए तले नात लिक्खूं रौजा ए सरकार के साए तले इल्मे हक की रोशनी सारे जहां में छा गई सूरए इक्रा जो आई गार के साए तले अर्श है कुर्सी कलम है जन्नतुल फिरदौस है गुम्बदे खिजरा ...

 ہم ہیں مدار والے ہم ہیں مدار والے نانا نبی ہمارے دادا علی ہمارے حسنین و فاطمہ کے ہم ہیں جگر کے پارے عظمت کے ہیں ہماری قرآن میں حوالے ہم سے الجھنا کوئی آساں نہیں ہے لوگوں ہمت اگر ہے تم میں پھر چھ...

 हर एक है शैदायी हर एक है दीवाना सरकार का ऐसा है अन्दाज करीमाना  मैंखार हैं छलकाते मै इश्के रिसालत की है रश्के मै कौसर सरकार का मैखाना  बेकार है आकाई मेरे लिये ऐ आका हस्त...