رسولوں میں ذیشان ہیں کملی والے

 

रसूलों में ज़ीशान हैं कमली वाले
दो आलम के सुल्तान हैं कमली वाले

मेरा सीना अर्जे मदीना बना है
मेरे दिल में महमान हैं कमली वाले

इन्ही से मिटी है खुदाई बुतों की
मुसलमाँ का ईमान हैं कमली वाले

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सरे हश्र भी ज़ेरे दामन है आसी
तेरे कितने एहसान हैं कमली वाले

चढ़े हैं जो तूफ़ाँ के तेवर तो क्या ग़म
हमारे निगेहबान हैं कमली वाले

ज़ियाए हक़ीक़त मिली सोज़ जिनसे
वो अनवारे कुरआन हैं कमली वाले

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