चल मदीने चल चल मदीने चल

 इश्के नबी का आँख में भर के तू नूरी काजल

चल मदीने चल चल मदीने चल


दर पे पहुंच के प्यारे नबी के तुम बा चश्मे नम कहना

उस दरबारे आली में इक रोज तो पहुंचे हम कहना

उनसे कहना हमको बुला लें आज नहीं तो कल


चल मदीने चल चल मदीने चल


उनकी जियारत को जब कोई शख्स मदीने जाता है

आँख मेरी भर आती है और हिज्र में दिल घबराता है

हिज्रे नबी में भर जाती है आँखों की छागल


चल मदीने चल चल मदीने चले


शाफऐ महशर मालिके कौसर शाहे उमम का दर देखो

जाओ जाकर नूरे मुजस्सम दाफए गम का दर देखो

उनके दर पे मिल जाता है हर मुश्किल का हल


चल मदीने चल चल मदीने चल


जन्नत की हरयाली है या उनका गुम्बदे खिज़रा है

रश्के जिनां वह धरती है जिस जा पर उनका रौजा है

और मिनारे खिजरा है या नूर की इक मशअल


चल मदीने चल चल मदीने चल


काश मेरा ब फ़ज़्ल करे ऐ काश में ऐसा हो जाऊं

जैसी है वे जिस्म हवा अल्लाह मैं वैसा हो जाऊं

उड़ के मदीने जाऊं जैसे जाता है बादल


चल मदीने चल चल मदीने चल
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