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अय अली के जानशीं जहरा के जानी या हुसैन

 अय अली के जानशीं जहरा के जानी या हुसैन

जान दी पायी हयाते जावेदानी या हुसैन


कोई आलम में नहीं है तेरा सानी या हुसैन

और जन्नत में है तेरी हुकमरानी या हुसैन


है रसूले पाक की प्यारी निशानी या हुसैन

आप का बचपन बुढ़ापा और जवानी या हुसैन


तलखिये माहौल हाथों पर है अस्गर तशना लब

और आदा से तेरी शीरी बयानी या हुसैन


देखता सैलाब हूं तो मुझको आता है ख्याल

है तुम्हारी जुस्तुजू में अब भी पानी या हुसैन


कर रही है वक्ते रुखसत दीं की नुसरत की बयां

बा खुदा चेहरे की तेरी शादमानी या हुसैन


देख कर प्यासा तेरे घर बार को नहरे फुरात

क्यों न हो जाये हया से पानी पानी या हुसैन


सब्रे अय्यूबी न क्यूं नाजां शजर हो देख कर

तेरा कांधा और अकबर की जवानी या हुसैन
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