हर लब पे तराना है रसूले अरबी का

 हर लब पे तराना है रसूले अरबी का

हर दिल में ठिकाना है रसूले अरबी का


आदम का ज़माना हो के ईसा का ज़माना

हर एक जमाना है रसूले अरबी का


सब कुछ जो लुटा देता है इस्लाम के खातिर

वो सिर्फ घराना है रसूले अरबी का


घटता ही नहीं बँटता ही रहता है बराबर

क्या खूब रुज़ाना है रसूले अरबी का


तुम मान लो इसको तो है दानाई इसी में

हर खेत का दाना है रसूले अरबी का


हर बात निराली है रसूले अरबी की

अन्दाज यगाना है रसूले अरबी का


है ईद का दिन क्यूँ न हों हर सिम्त बहारें

शब्बीर हैं शाना है रसूले अरबी का
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