फरिश्ते यूँ इबादत कर रहे हैं

 फरिश्ते यूँ इबादत कर रहे हैं

तेरे दर की जियारत कर रहे हैं


अदा आका की सुन्नत कर रहें हैँ

अली से हम मोहब्बत कर रहे हैं


सितारो आओ बढ़के दो गवाही

वो ऐलाने नबुव्वत कर रहें है


वो सिदरा से भी आगे जा चुके हैं

खड़े जिबरील हैरत कर रहे हैँ


सरों पे जैसे बैठे हों परिन्दे

सहाबा यूँ समाअत कर रहें हैं


मदीने वालों तुमको हो मुबारक

मेरे सरकार हिजरत कर रहें हैँ


सितारे चाँद गर्दिश आस्माँ पर

तुम्हारी ही बदौलत कर रहें हैँ


तुम्हारे खून की निस्बत के सदके

बशर सब मेरी इज्जत कर रहे हैँ


हरम से अर्शे आज़म तक की पूरी

वो पल में तै मसाफ़त कर रहें हैं


बुलाकर सरवरे आलम मदीने

शजर की पूरी हसरत कर रहे हैं
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