मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम

 नाम तेरा है जपता हो कोई खादिम या मखदूम

मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


तेरा जलवा बसा है निगाहों में तेरी खुश्बू बसी है हवाओं में

तू है कोयल की हर तानों में तू है हरमोमिन की सांसों में

तू है हर जुगनू की अदाओं में तू है हर सूफी की निगाहों में

जन्नत के पत्ते पत्ते पर है नामे नबी मरकूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की घूम


तौरेतो जुदूर इन्जील में भी कुरआन के सारे पारों में

वेदों में और पुराणों में हर मजहब के आचारों में

अशआर में और तकरीरों में और दीवानों के नारों में

हर बात के तुम ही माखुज हो हर कौल के हो मफहूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


बगदादे मुअल्ला हो या हो अजमेर की धरती या कलियर

हो चाहे नजफ अशरफ करबल किसरा की ज़र्मी हो या खैबर

हो अर्जे मकनपुर या देवा हो चाहे कछौछा या सन्जर

वो चीन हो या जापान हो हो फारस या हो रूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


मेराज को पहुंचे मेरे नबी अक्सा में इमामत फरमाई

जन्नत देखी दोजख देखी नबियों की क्यादत फरमाई

रफरफ व्हरा जिब्रील रुके सिदरा की है जब मंजिल आई

सिदरा से भी आगे क्या है भला जिब्रील को क्या मालूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


मखदूमे अशरफ से पूछो मस्जिद के मनारों से पूछो

शह दाना से शह मीना से वलियों की मज़ारों से पूछो

खम्बात के साहिल से पूछो नदियों की धारों से पूछो

फैजाने मदारी से अय शजर है कौन भला महरूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


अब्बास का बाजू हो या हो अकबर का वह कड्यल ला

बातिल के सामने कहता है सरकारे दो आलम का कुन्बा

कासिम की शहादत कहती है और हुर का कहता है जज़्बा

मुस्लिम नुमा काफि से बोला यह असगर का हुलकूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम
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