آقائے دوجہاں پہ جو قربان ہوگئے

 

आक़ाऐ दो जहाँ पे जो कुरबान हो गऐ
अल्लाह ही जाने कितने वो ज़ीशान हो गऐ

सच्चा रसूल आमिना बीबी का लाल है
काफ़िर यह कह के साहिबे ईमान हो गऐ
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दीवानगीये इश्क़े मौहम्मद में हूँ मगन

अब मरहले हयात के आसान हो गऐ

अल्फाज़ मैने नात में कुछ एसे चुन लिये
महशर में जो नजात का सामान हो गऐ

आवाज़े हक़ जो काबे में गूँजी तो यूँ लगा
पत्थर भी कलमा पढ़ के मुसलमान हो गऐ

इस दर्जा पाक कर दिया अल्लाह ने उन्हे
सिब्ते रसूल बोलता कुरआन हो गऐ

खुल्क़े नबी का सोज़, यह एजाज़ देखिये
हैवानियत शिआर भी इंसान हो गऐ

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