गम खानए जुल्मत को हो तन्वीर मुबारक
हो तुझको मेरे दिल गमे शब्बीर मुबारक
शब्बीर चले रन की तरफ सर को कटाने
हो ख्वाबे बराहीम को ताबीर मुबारक
इस कैद ने आज़ादियां बख्शी हैं जहां को
अय आबिदे बीमार हो जन्जीर मुबारक
अकबर की तरफ देखो अय अन्सारे हुसैनी
अल्लाह के नबी की है तस्वीर मुबारक
रानाइयां दुनिया की बनीं उनका मुकद्दर
शब्बीर तुम्हें खुल्द की जागीर मुबारक
कुर्बान हुये बेटे भी इस्लाम की खातिर
यह जख्म भी अय जैनबे दिलगीर मुबारक
हूर नुसरते शब्बीर को मैदान में आये
अल्लाह ने बख्शी है जो तक़दीर मुबारक
मौला ओ नबी तकते हैं जन्नत में तेरी राह
कौसर हो तुझे असगरे बेशीर मुबारक
शब्बीर पे वक्त आये तो कुर्बान करो जां
कासिम तुम्हें शब्बर की हो तहरीर मुबारक
मकतल की तरफ कहके ये शब्बीर चले हैं
अब काफिला सालारी हो हमशीर मुबारक
कुर्बानी का जज़्बा है शजर अपने भी दिल में
हो खूने अली की तुझे तासीर मुबारक