चले हो जाएरे खैरुल वरा मदीने में

 चले हो जाएरे खैरुल वरा मदीने में

हमारे हक में भी करना दुआ मदीने में


दरे रसूले मुअज़्ज़म पे हाजिरी के लिए

फरिश्ते आते हैं सुब्हो मसा मदीने में


वहां का तुर्श भी शीरो शकर से बेहतर है

किसी भी शय को न कहना बुरा मदीने में


अदब से सांस भी लेते हैं बायजीदो जुनैद

है जलवा फरमा शहे अम्बिया मदीने में


इसी मदीने को सब कहते यसरिबो बतहा

जो होते तुम न रसूल खुदा मदीने में


ऐ नूर वाले फक्त आप ही का है एजाज

जो चार सिम्त अजब है जिया मदीने में


कोई भी इसका लगा सकता नहीं अन्दाजा

जो नेकियों का है मिलता सिला मदीने में
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