जलवा है मदीने का सरकार की गलियों में
तारा है हर इक जर्रा सरकार की गलियों में
पूरी हुयी हर मनशा सरकार की गलियों में
जो मांगा है वो पाया सरकार की गलियों में
यह बात जरा काजी मुतहर से कोई पूछे
क्या खोया है क्या पाया सरकार की गलियों में
जो तूरे मुनव्वर पर मूसा को नजर आया
वो नूर नजर आया सरकार की गलियों में
सरकार की गलियों की देखो तो शजर अज़मत
हर खार है गुल जैसा सरकार की गलियों में