याद आ गये हैं हैदरे कर्रार या हुसैन
जिस दम उठायी आप ने तलवार या हुसैन
दुनिया में बस उसी का है मेयार या हुसैन
उल्फ्त में जो है आपकी सरशार या हुसैन
दुश्मन हुए हैं बर सरे पैकार या हुसैन
चश्मे करम है आपकी दरकार या हुसैन
अहले निगाह कहते हैं आलम में हर तरफ
बिखरे हुए हैं आपके अनवार या हुसैन
जिस पर वफा को नाज रहेगा अबद तलक
इतने अजीम हैं तेरे अन्सार या हुसैन
हर फर्द की जबान पे होगा तुम्हारा नाम
इक दिन पुकारेंगे दरो दीवार या हुसैन
अल्लाह ने किया तुम्हें बे मिस्लो बे मिसाल
जन्नत के नौजवानों के सरदार या हुसैन
यह भी करम है आपका माँ की है ये दुआ
देखा शजर ने है तेरा दरबार या हुसैन