आया हूं सरकार सात समन्दर पार
छोड़ के सब घर बार सात समन्दर पार
नूरी नूरी घर आंगन और नूरी बामो दर
देखने पहुँचे हैं आका सब आपके रोजे पर
लेकिन इक नादार सात समन्दर पार
दुनिया की सारी नदियां जिस पर करती है नाज
उस ईसन की पाक जमीं को देती हैं आवाज
अश्कों की बौछार सात समन्दर पार
तेरी शानो शौकत तेरा जलवा देखा है
हमने तेरे नाम का चलते सिक्का देखा है
अय मेरे सरकार सात समन्दर पार
अय आका अय वलियों के सरदार बना डालो
तुम चाहो मुझ कतरे को सरकार बना डालो
एक बहरे जख्खार सात समन्दर पार
मेरी खुशी और मेरे हर गम देखते रहते हैं
मेरा शजर ईमान है हर दम देखते रहते हैं
जिन्दा शाह मदार सात समन्दर पार