तेरे दर से खाली लौटा कोई आदमी नहीं है
तेरे जैसा सारी दुनिया में कोई सखी नहीं है
कभी उसके दिल में दाखिल नहीं होता नूरे ईमाँ
तेरा इश्क जिसके सीने में मेरे नबी नहीं है
तू ही मेरे गम का दरमां तुम्हीं मेरे दिल की तसकीं
ऐ मेरे रसूल दुनिया में मेरा कोई नहीं है
तेरी शान अल्लाह अल्लाह ऐ मेरे नबी ए अकरम
वह कोई नबी नहीं जो तेरा मुक्तदी नहीं है
है हुसैन मेरा आका है हुसैन मेरा मौला
जो हुसैन का नहीं है वह खुदा का भी नहीं है
तू ही नूर का है पैकर तू ही रश्के तूर आका
जो जिया न तुझसे पाए कोई रोश्नी नहीं है