कसीदा शरीफ हज़रत अब्दुर्रज़्ज़ाक क़ादरी बांसवी अलैर्हिरहमा.. बांसा शरीफ, बारहबंकी, यूपी (1048 ही.-1136 ही.) शहज़ादा-ऐ-गौसे आज़म ने 1120 ही.में दरबारे मदारुल आलमीन मे ये कसीदा पेश किया ।। ऐ जिगर गौशे मुहम्मद...
ہم ہیں مدار والے ہم ہیں مدار والے نانا نبی ہمارے دادا علی ہمارے حسنین و فاطمہ کے ہم ہیں جگر کے پارے عظمت کے ہیں ہماری قرآن میں حوالے ہم سے الجھنا کوئی آساں نہیں ہے لوگوں ہمت اگر ہے تم میں پھر چھ...
हर एक है शैदायी हर एक है दीवाना सरकार का ऐसा है अन्दाज करीमाना मैंखार हैं छलकाते मै इश्के रिसालत की है रश्के मै कौसर सरकार का मैखाना बेकार है आकाई मेरे लिये ऐ आका हस्त...
Welcome Welcome Ya Rasulallah हूरों ने कहा गिल्मा ने कहा सब बोले मलक इन्साँ ने कहा करते इस्तक़बाल हैं हम या रसूलल्लाह Wellcome welcome welcome welcome ya rasulallah home of abdullah is lighting singin...