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कभी गुम्बद को देखेंगे कभी मीनार देखेंगे

 कभी गुम्बद को देखेंगे कभी मीनार देखेंगे

यकीनन इक न इक दिन हम दरे सरकार देखेंगे


सरापा नूर हैं जो उनका जब दरबार देखेंगे

बरसते हर तरफ हम रहमतो अनवार देखेंगे


कहा यह मौत से आशिक ने सरकारे दो आलम के

चलो भर कर के मर्कद में जमाले यार देखेंगे


मुझे सरकार की शाने करीमी पर भरोसा है

मेरे हर गम मेरे हर दुख मेरे सरकार देखेंगे


मेरे हर लफ़्ज़ में इश्के रसूले पाक पिन्हा है

सुनेंगे वह मेरी नातें मेरे अशआर देखेगे


फरिश्ते फख्र करते हैं परे परवाज़ पर जिनकी

शबे मेराज वह भी आपकी रफ्तार देखेगे


कभी भी राहे हस्ती से नहीं भटकेंगे वह जो की

तेरी गुफ्तार देखेंगे तेरा किरदार देखेंगे


जिन्होंने रू ए अनवर आपका देखा हो आँखों से

शजर क्यों कर भला वह मिस्र का बाज़ार देखेंगे

किसे मिली है बलन्दी ऐसी किसे मिला है कमाल ऐसा

 किसे मिली है बलन्दी ऐसी किसे मिला है कमाल ऐसा

जमाले युसुफ भी हैरती है, है मुस्तफा का जमाल ऐसा


चमक रहा है फलक पे सूरज तुम्हारे तल्वों की रोशनी से

हो जैसे नाखुन का वो तराशा है आस्माँ पर हिलाल ऐसा


कहें ये आका के आओ तैबा कहें ये जब हम बुलाओं तैबा

जवाब हो तो जवाब ऐसा सवाल हो तो सवाल ऐसा


कि जिसके होते हुए भी तैबा ना देख पाऊँ अय मेरे मालिक

ना चाहिये मुझको ऐसी सरवत ना चाहिये मुझको माल ऐसा


हमारे रुख के तिलों के खातिर तुम अपने रुख की सियाही दे दो

बरोजे महशर जिनाँ की हूरें कहेंगी तुमसे बिलाल ऐसा


मदीने के सुब्हो शाम देखूँ है ये तमन्ना मगर करूँ क्या


सफर के मफ्कूद रास्ते हैं बिछाया गर्दिश ने जाल ऐसा


खुशी दे जो कोई गम के बदले जो दे दोआएं सितम के बदले

सिवाए आका के सारी दुनियाँ में कौन है खुश खिसाल ऐसा

वुजूदे खाक में नूरी समन्दर डूब जाते हैँ

 वुजूदे खाक में नूरी समन्दर डूब जाते हैँ

तुम्हारे इश्क में आका हम अक्सर डूब जाते हैँ


नबी के नाम लेवा दौड़ते फिरते हैं दरिया पर

जो हैं अज़्मत के मुनकिर मिस्ले पत्थर डूब जाते हैं


जमाले यूसुफी कुरबान आका तेरे जलवों में

बिलालो जैद और सलमानों अबूज़र डूब जाते हैं


जरा उम्मी लकब के इल्म की रिफअत कोई देखे

के इनके इल्म के कतरों में सागर डूब जाते हैं


डुबाना चाहते है जो तेरी अज़मत की कश्ती को

यकीनन बहरे जुल्मत में वो यक्सर डूब जाते हैं


उभरता है फलक पर उस घड़ी ईमान का सूरज

जो बहरे जुल्म में शब्बीरो शब्बर डूब जाते हैं


दरे खैरुलवरा पर जब रसाई हो नहीं पाती

तो गम में मुफ्लिसों नादारो बेज़र डूब जाते हैँ


शजर वो डूब सकते ही नहीं हुस्ने मनाज़िर में

के जिनकी आँखों में तैबा के मन्ज़र डूब जाते हैं।

मोहम्मदुन नबीयोना मोहम्मदुन नबीयोना

 मोहम्मदुन नबीयोना मोहम्मदुन नबीयोना

मोहम्मदुन नबीयोना मोहम्मदुन नबीयोना


हबीबोना तबीबोना गयासोना मुगीसोना

रहीमोना करीमोना अयानोना मोईनोना

बशीरोना नजीरोना सिराजोना मुनीरोना

अमीरोना अमीनोना मोहम्मदुन नबीयोना


तुम्हीं से या नबी हमें शऊरे बन्दगी मिला

सलीकाए हयात भी तुम्ही से या नबी मिला

सहाबिये नबी मिले हसन मिले अली मिले

मिले शहीदे करबला मोहम्मदुन नबीयोना


तुम्हारा जो गुलाम है उसे किसी का डर नहीं

न उसको फिक्रे कब्र है और हश्र का खतर नहीं

घड़ी जब ऐसी आएगी हमारे सर पे छाएगी

तुम्हारे फज़ल की रिदा मोहम्मदुन नबीयोना


तेरा दयार हो नसीब अब तो सय्यदुल बशर

हमारी सम्त भी उठे इनायतों की इक नज़र

दुखी हूँ प्यार चााहिये तेरा दयार चााहिये

कुबूल हो ये इल्तजा मोहम्मदुन नबीयोना


तुम्हारी अजमतें भला करें तो कैसे हम बयाँ हैं

हम ज़मी की पस्तियाँ हो तुम बलन्द आस्माँ

तुम्हारे वास्ते शहा बनी जमी बने जमाँ

हो तुम हबीबे किबरिया मोहम्मदुन नबीयोना


हर एक शै पे दे दिया खुदा ने इख्तियार है

करार तुमसे माँग ले जो कोई बेकार है

हर एक हादसा टला तुम्हीं से आसरा मिला

जो मुश्किलों में दी सदा मोहम्मदुन नबीयोना


नबी तु ही करीम है रऊफ है रहीम है

बहारे कल्बों जाँ है जिससे तू वही शमीम है

दुखो से जो निकाल दे बलाएं सर से टाल दे

वो कौन है तेरे सिवा मोहम्मदुन नबीयोना


तुम्हीं हो फख्रे अम्बिया तुम्हीं हबीबे किब्रिया

तुम्हीं शफीये दोसरा हो बेकसों के आसरा

हो तुम दिलों का मुददआ हो राहे हक के रहनुमा

हो तुम हमारे पेशवा मोहम्मदुन नबीयोना


करीमो अकरमुल बशर हसीनों अहसनुल कमर

अना गुलामुका शजर दोआई मिन्का मुख्तसर

इज़ा तज़ीयो साअतुन बेका तजीयों रहमतुन

फतुग्फेरो जुनूबना मोहम्मदुन नबीयोना


कभी तो ज़ालिमों के जुल्म का जवाब आएगा

यकीँ है मुझको अय शजर के इन्कलाब आएगा

अभी तो मेंहदी आएगें पयामे अम्न लाएगें

हर एक देगा ये सदा मोहम्मदुन नबीयोना

देखेगें नबी मुझको भी रहमत की नज़र से

 देखेगें नबी मुझको भी रहमत की नज़र से

आएगा बुलावा मेरा सरकार के दर से


एक उम्र जो तैबा की जुदाई में जला है

कैसे भला जल जाएगा वो नारे सकर से


रब चाहे जिसे उसको ही मिलती है ये नेअमत

इश्के नबी मिलता नहीं है दौलतो ज़र से


चलना ही अगर है तो चलो जनिबे तैबा

कोई सफर अच्छा नहीं तैबा के सफर से


उश्शाके नबी ने वहाँ सजदे है लुटाए

गुज़रे मेरे सरकार है जिस राहगुज़र से


दीवानगिये इश्के नबी का है तकाजा

पहुँचे जो कभी लौटे ना वो तैबा नगर से


सरकार के घर से ही हमें दीन मिला है

ये दीन बचा भी है तो सरकार के घर से


क्यूँ आठों पहर यादे नबी में है तड़पता

ये सोरिशे गम पूछे कोई कल्बे शजर से

अल मदीना अल मदीना अल मदीना अल मदीना

 अल मदीना अल मदीना अल मदीना अल मदीना

खुल्द का लोगों है जीना अल मदीना अल मदीना

रहमतों का है ख़ज़ीना अल मदीना अल मदीना


साकिये कौसर कहाँ है बाइसे ज़मज़म कहाँ

हैं छलकते जामे इश्के सरवरे आलम कहाँ

कह उठा हर जामों मीना अल मदीना अल मदीना


मस्दरे जूदो सखा है मम्बए फैज़ों करम

मख्ज़ने नूरे खुदा है मरकज़े नाज़े इरम

रहमतों का है खजीना अल मदीना अल मदीना


अपना नूरी दर दिखाएगें हमें मुख्तारे कुल

इस बरस देखों बुलाएगें हमें मुख्तारे कुल

आ गया हज का महीना अल मदीना अल मदीना


बस सिवाए इश्के सरकारे दो आलम कुछ न हो

और इसमें जुज़ गमे सरकार के गम कुछ न हो

काश बन जाए ये सीना अल मदीना अल मदीना


किस के जर्रे की चमक करती है फीका तेरा रंग

किस ज़मीं के तुझसे भी नायाब है ज़र्राते संग

कह उठा हर एक नगीना अल मदीना अल मदीना

झूम उठे महो अख्तर आमेना के घर आया

 झूम उठे महो अख्तर आमेना के घर आया

जब खुदा का पैगम्बर आमेना के घर आया


फिक्र क्यूँ करें आसी हश्र में शफाअत की

आज शाफए महशर आमेना के घर आया


जिसके इक इशारे पर चाँद होगा दो टुकड़े

इखतियारे कुल लेकर आमेना के घर आया


खत्म क्यूँ न हो जाए गुमरही ज़माने से

कायनात का रहबर आमेना के घर आया


औलिया हो यामोमिन अमबया फरिश्ते हों

जो सभी से हेै बेहतर आमेना के घर आया


अब तलक जो पोशीदा था पनाहे वहदत में

ओढ़े नूर की चादर आमेना के घर आया


जो हबीब रब का है जो तबीब सबका है

जो है मालिके कौसर आमेना के घर आया


अय जहाँ के सुल्तानों झुक के सब सलामी दो

कायनात का सरवर आमेना के घर आया


अय शजर तशददुद का राज मिटने वाला है

रहमो अम्न का पैकर आमेना के घर आया

जल्वए नूरे मोहम्मद मरकज़े अन्वार से

 जल्वए नूरे मोहम्मद मरकज़े अन्वार से

हुस्न आलम को मिला है अहमदे मुख्तार से


दिन हुआ रोशन तुम्हारे रुए पुर अन्वार से

रात ने पाई सियाही गेसुए खमदार से


कोई तेरे हुस्न की कीमत लगा सकता नहीं

ये सदाएँ आ रही है मिस के बाजार से


किस कदर भारी है इक इक पल नबी के हिज्र का

ये कसक ये दर्द पूछो इस दिले नादार से


मिल गया किस्मत से है तुमको दरे खैरुलवरा

जो भी चाहों माँग लो कोनैन के मुख्तार से


गौसो ख्वाजा हो मोईनुददर्दी हों या हों बायज़ीद

भीख पाता हर वली है आपके दरबार से


उनके कदमों तक पहुँचने की ज़रा कोशिश तो कर

अपने सीने से लगा लेगें वो बढ़कर प्यार से


मरहबा सद मरहबा अय पैकरे खुल्के अजीम

तूने दुनियाँ को बदल डाला हसीं किरदार से


आप हैं नूरे मुजस्सम आप हैं नूरे खदा

दो जहाँ रोशन हुए हैं आपके अन्वार से


तेरे किरदारो अमल पे नाज़ ये दुनियाँ करे

अय शजर है खून का रिश्ता तेरा सरकार से

जब परीशों हों नबी के उम्मती महशर के दिन

 जब परीशों हों नबी के उम्मती महशर के दिन

थाम लें बढ़ कर वो दामाने नबी महशर के दिन


रब बनाएगा उन्हीं को जन्नती महशर के दिन

जो भी हैं सच्चे गुलामाने नबी महशर के दिन


जिसमें शामिल हो न हुब्बे अहमदी महशर के दिन

काम आ सकती नहीं वो बन्दगी महशर के दिन


ये बिलालों जैदो सलमानों अनस से पूछिये

कितनी काम आई नबी की चाकरी महशर के दिन


अब्रे रहमत बनके गेसूए मुहम्मद छा गए

धूप की शिद्दत जो हद से बढ़ गई महशर के दिन


आबे कौसर जो पिलाऐगें नबी के इज़्न से

हैं उमर सिद्दीको उस्मानो अली महशर के दिन


हो वो इब्राहीमो इस्माईलो मूसा या के नूह

आसरा तुमसे लगाए हैं सभी महशर के दिन


पुरसिशे आमाल से डरता है क्यूँ तू अय शजर
काफी है बख्शिश को एक नाते नबी महशर के दिन

और अपने पास क्या है रहमतुल लिल आलमीन

 और अपने पास क्या है रहमतुल लिल आलमीन

बस तुम्हारा आसरा है रहमतुल लिल आलमीन


धूप शिददत की कयामत की तपिश महशर का दिन

आपकी सर पर रिदा है रहमतुल लिल आलमीन


मरकजे अहले वफा है रहमतुल लिल आलमीन

आपका जो नक्शे पा है रहमतुल लिल आलमीन


हो जियारत आपके दरबार की मुझको नसीब

मेरे लब पे ये दुआ है रहमतुल लिल आलमीन


रहमते हक ने लिया बढ़ के उसे आगोश में

प्यार से जिसने कहा है रहमतुल लिल आलमीन


हे फरिश्ते उस पे नाजाँ रहमते उस पर निसार

जिसने दिल पर लिख लिया है रहमतुल लिल आलमीन


और कुछ मुझको दो आलम में नज़र आता नहीं

बस शजर का मुददआ है रहमतुल लिल आलमीन

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