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हर लब पे तराना है रसूले अरबी का

 हर लब पे तराना है रसूले अरबी का

हर दिल में ठिकाना है रसूले अरबी का


आदम का ज़माना हो के ईसा का ज़माना

हर एक जमाना है रसूले अरबी का


सब कुछ जो लुटा देता है इस्लाम के खातिर

वो सिर्फ घराना है रसूले अरबी का


घटता ही नहीं बँटता ही रहता है बराबर

क्या खूब रुज़ाना है रसूले अरबी का


तुम मान लो इसको तो है दानाई इसी में

हर खेत का दाना है रसूले अरबी का


हर बात निराली है रसूले अरबी की

अन्दाज यगाना है रसूले अरबी का


है ईद का दिन क्यूँ न हों हर सिम्त बहारें

शब्बीर हैं शाना है रसूले अरबी का

मुझको अम्बर न खजीना न दफीना दे दे

 मुझको अम्बर न खजीना न दफीना दे दे

मेरे रब खुशबूए गुलज़ारे मदीना दे दे


मेरी नस्लों को महकने के लिये अय मालिक

एक कतरा मेरे आका का पसीना दे दे


पार होना है गुनाहों के समन्दर से मुझे

पन्जतन पाक का अल्लाह सफीना दे दे


जिसमें सौदा हो तेरे इश्क का वो सर दे दे

जिसमें तस्वीर हो ख़ज़्री की वो सीना दे दे


आने वाले हैं वो वश्शम्स की तफ्सीर है जो

दीद का कब्र में अल्लाह करीना दे दे


सुर्खरु हो के पहोंचना है बरोजे महशर

मुँह पे मलने के लिये खाके मदीना दे दे


अय खुदा इल्म अली को जो दिया था तूने

बस शजर को भी वही सीना ब सीना दे दे

हस्वी रब्बी जल्लल्लाह माफी कल्बी गैरुल्लाह

 हस्वी रब्बी जल्लल्लाह माफी कल्बी गैरुल्लाह

नूर मोहम्मद सल्लल्लाह ला इलाहा इल्लल्लाह


तेरे सदके में आका सारे जहाँ को दीन मिला

बेदीनों ने कलमा पढ़ा ला इलाहा इल्लल्लाह


सिम्ते नबी बुजेहल गया आका से उसने ये कहा

गर हो नबी बतलाओ जरा मेरी मुटठी में है क्या

आका का फरमान हुआ और फज़्ले रहमान हुआ

मुठ्ठी से पत्थर बोला ला इलाहा इल्लल्लाह


अपनी बहन से बोले उमर ये तो बता क्या करती थी

मेरे आने से पहले क्या चुपके चुपके पढ़ती थी

बहन ने जब कुर्जान पढ़ा सुनके कलामे पाके खुदा

दिल ये उमर का बोल उठा ला इलाहा इल्लल्लाह


वो जो बिलाले हब्शी है सरवरे दी का प्यारा है

दुनियाँ के हर आशिक की आखों का वो तारा है

जुल्म हुए कितने उस पर सीने पर रक्खा पत्थर

लब पर फिर भी जारी था ला इलाहा इल्लल्लाह


दुनियाँ के इन्सान सभी शिर्को बिदअत करते थे

जो रब के ये बन्दे वो बुत की इबादत करते थे

बुत खाने है थर्राए मेरे नबी हैं जब आए

कहने लगी मख्लूके खुदा ला इलाहा इल्लल्लाह


गुलशन कल्मा पढ़ते है चिड़िया कल्मा पढ़ती है

दुनिया की मखलूक सभी जिक्र खुदा का करती है

कहते सभी हैं जिन्नो बशर कहता शजर है कहता हजर

कहता है पत्ता पत्ता ला इलाहा इल्लल्लाह

अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

खैरुल उमम नूरुलहुदा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

खैरुल बशर खैरुल वरा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

बदरुददुजा सदरुलओला अल मुस्तफा अल मुस्तफा

काफिल्वरा शम्सुददोहा अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

बेकस हैं हम बे आसरा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

और आप हैं बहरे अता अल मुस्तफा अल मुस्तफा

हम पर करम की एक नज़र हो अय हबीबे किबरिया

हम है असीराने बला अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

जिसमें न हो हुब्बे नबी बेकार है वो बन्दगी

नामे नबी पर हो फिदा वो ज़िन्दगी है जिन्दगी

इश्के नबी का जाम लो हर दम नबी का नाम लो

कहते रहो सुव्हो मसा अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

अल्हम्द से वन्नास तक कुरआँ कसीदा है तेरा

हक मिदहते सरकार का इन्साँ करे कैसे अदा

हूरो मलक के साथ खुद जब कह रहा है किबरिया

सल्ले अला सल्ले अला अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

मुख्तारे कुल सरकार हैं खत्मे रुसुल सरकार हैं

हैं मन्जिले राहे हुदा नूरे सुबुल सरकार है

ईमान है इस पर मेरा अफजल हो तुम बादे खुदा

अय ताजदारे अम्बिया अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

नक्शे कफे पाए नबी कोई बशर जो चूम ले

बोसे उसी के पाँव के आलम का हर मख्दूम ले

इसका जहाँ महकूम है खादिम नहीं मख्दूम है

जो भी तुम्हारा है गदा अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

ताएफ का वो बाज़ार है कुफ्फार की यलगार है

हर जख्म पर जो दे दुआ वो अहमदे मुख्तार है

सानी तेरा कोई नही या रहमतुललिल आलमर्मी

दुश्मन को दी तूने दोआ अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

इन्नी असीयुन मुजरेमुन इन्नी हकीरुन अहकरो

अन्ता करीमुन अकरमों अन्ता हसीनुन अहसनो

इन्नी असी अन्ता सखी इन्नी मरज अन्ता शफी

अन्ता नबीइल मुज्तबा अल मुस्तफा अल मुस्तफा


 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

नाते मोहम्मद का सफर तै क्या करेगा तू शजर

मिदहत रसूलल्लाह की करता है हर फर्दो बशर

सारा जहाँ मख्मूर है रश्के नबी में चूर हैं

हर एक है देता सदा अल मुस्तफा अल मुस्तफा
 अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा अल मुस्तफा

पढ़ लिया उसने कल्मा उनका

 पढ़ लिया उसने कल्मा उनका

जिसने देखा चेहरा उनका


सारी दुनियाँ ने अपनाया

रस्ता उनका शेवा उनका


रोजे महशर काम आएगा

दामन उनका रिश्ता उनका


जिसमें लाखों सूरज तैरें

ऐसा प्यारा मुखड़ा उनका


चाँद छुपा ले शर्म से चेहरा

देख अगर ले मुखड़ा उनका


सारे आलम के वो दाता

सारा आलम मँगता उनका


पीते हैं सब नाम का उनके

खाते हैं सब सदका उनका


नूर की किरर्ने फूट रहीं हैं

कितना हंसी है चेहरा उनका


कुफ्र कहे ये किसकी जुर्अत

करता शजर है सजदा उनका

मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला

 मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला

आए महबूबे खुदा मरहबा सल्ले अला
शोर आलम में उठा मरहबा सल्ले अला

हूरो गिल्मों ने कहा मरहबा सल्ले अला
जिन्नो इन्सों ने कहा मरहबा सल्ले अला

बढ़के कुरआँ ने कहा मरहबा सल्ले अला
यानी रहमाँ ने कहा मरहबा सल्ले अला

कह उठे हर अम्बिया मरहवा सल्ले अला


मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला


जाते सरकारे ओला मरहबा सल्ले अला
परतवे नूरे खुदा मरहबा सल्ले अला

आप ही शम्सुदोहा मरहबा सल्ले अला
आप ही बदरुददोजा मरहबा सल्ले अला

आप हैं खैरुल वरा मरहबा सल्ले अला


मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला


जगमगाने जो लगी जगमें है शम्मे हिरा
कुफ्र बेनूर हुआ फैली ईमाँ की जिया

आस्माँ ता बज़मी नूरे आका बिखरा
अदल का राज हुआ जुल्म का राज मिटा

बोली मख्लूके खुदा मरहबा सल्ले अला


मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला


किसके दम से है ज़मी किसके दम से है फ्लक
है फजाओं में बसी किसकी जुल्फों की महक

किसके सदके में मिली चाँद सूरज को जिया
और सितारे है लिये किसके तलवों की चमक

वो तो हैं खैरुलवरा मरहवा सल्ले अला


मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला


खिल उठा आज के दिन आमेना तेरा चमन
रश्के कोनैन बना आमेना तेरा चमन

झूम उठ्ठी ये जमी झूम उठ्ठा ये गगन
फूटी मक्के से शजर नूर की एक किरन

फैली आलम में जिया मरहबा सल्ले अला


मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला मरहबा सल्ले अला

जल्वा दिखइये तैबा बुलाइये अय मेरे मुस्तफा मदनी मंदीने वाले

 जल्वा दिखइये तैबा बुलाइये अय मेरे मुस्तफा मदनी मंदीने वाले

बेचैन है नज़र अय शाहे बहरों बर अय नूरे किब्रिया मदनी मदीने वाले


काम आएगी न दौलत काम आएगी न शोहरत

काम आएगी हमेशा मेरे आका की मोहब्बत

दुनियाँ में हशर में उक्बा में कब्र में

काम आएंगे सदा मदनी मदीने वाले


जिसको उनका दर मिला है उसको सब कुछ मिल गया है

जिससे राजी मुस्तफा है उससे राजी किबरिया है

उनकी रजा है जो रब की रजा है वो

महबूबे किबरिया मदनी मदीने वाले


सबसे ऊँची बात तेरी सब से आला जात तेरी

तेरा सुरज चाँद तेरा दिन है तेरा रात तेरी

तू है मुख्तारे कुल तू है खत्मे रुसुल

तू शाहे दोसरा मदनी मदीने वाले


सुबहे मक्का शामे तैबा अब दिखा दो शाहे बत्हा

दिल में इतनी है तमन्ना देख लूँ मैं तेरा रौजा

मुझ पर करो करम अय साहेबे हरम

मिल जाए दर तेरा मदनी मदीने वाले


कैसा प्यारा है घराना रहमतों का है ख़जाना

जिसने दीं पर जान दे दी उस नवासे के हो नाना

करबल में कट गया वो सर जो आपने

चूमा या बारहा मदनी गदीने वाले


दूर इससे इसका घर है मुन्हसिर ये आप पर है

लाज रख ले अपने खूँ की ये तमन्नाए शजर है

हसरत है इल्म की चाहत है इल्म की

कर दो इसे अता मदनी मदीने वाले

सल्ले अला सल्ले अला सल्ले अला सल्ले अला

 सल्ले अला सल्ले अला सल्ले अला सल्ले अला

लब पर रहे जारी सदा सल्ले अला सल्ले अला

अय रब हमारी है दोआ सल्ले अला सल्ले अला


तू शाफ्ए रोजे जज़ा सल्ले अला सल्ले अला

नूरे अज़ल शम्ओ हेरा सल्ले अला सल्ले अला


मा जाग है आखें तेरी वश्शम्स है चेहरा तेरा

जुल्फें तेरी काली घटा सल्ले अला सल्ले अला


टुकड़े कमर के हो गये डूबा हुआ सूरज उगा

कन्कर ने भी कल्मा पढ़ा सल्ले अला सल्ले अला


महशर के दिन अय मुस्तफा हम आसियों का बाखुदा

कोई नहीं तेरे सिवा सले अला सल्ले अला


जब मुश्किलें आने लगी गम की घटा छाने लगी

पढ़ने लगे सुबहो मसा सल्ले अला सल्ले अला


तू ही तो है नूरे खुदा हर शै में है जल्वा तेरा

काबा तेरा किब्ला तेरा सल्ले अला सल्ले अला


कोई अगर बीमार हो मुफलिस हो और नादार हो

हर एक मरज़ की है दवा सल्ले अला सल्ले अला


होगी कयामत की घड़ी उस रोज़ भी छा जाएगी

रहमत तेरी बन कर घटा सल्ले अला सल्ले अला


तैबा में जब पहुँचा शजर मन्ज़र अजब भाया नज़र

हर एक देता था सदा सल्ले अला सल्ले अला

सरकार चले आए सरकार चले आए

 सरकार चले आए सरकार चले आए

हम सारे गरीबों के गमख्वार चले आए


बातिल की गिराने को दीवार चले आए

खिल्कत के लिये लेकर अन्वार चले आए

इख्लास की लेकर वो तलवार चले आए

पढ़ते हुए कल्मा सब अग्यार चले आए


सरकार चले आए सरकार चले आए


हैं आज बराहीमों मूसा भी चले आए

याकूबो सुलैमानों ईसा भी चले आए

घर में तेरे अब्दुल्लाह यहया भी चले आए

करने सभी आका का दीदार चले आए


सरकार चले आए सरकार चले आए


मरकद में थी तन्हाई का और घोर अंधेरा था

था खौफ का आलम और तारीकी ने घेरा था

पर दिल में मोहम्मद की उल्फत का बसेरा था

सरकार मेरे ले कर अन्वार चले आए


सरकार चले आए सरकार चले आए


मज़्लूमो गरीबों को कोई न सताएगा

आलम में कोई ज़ालिम अब जुल्म न ढाएगा

जो जैसा करेगा अब वो वैसा ही पाएगा

कहते हुए मज़्लूमो लाचार चले आए


सरकार चले आए सरकार चले आए


जो शाफए महशर हैं जो मालिके कौसर हैं

है आमेना के जानी अब्दुल्ला के दिल बर है

हर फर्द के है हामी हर शख़्स के यावर हैं

वो रहमते आलम वो गुमख्वार चले आये


सरकार चले आए सरकार चले आए


हर कौम के आका पर सरदारे रसूलाँ पर

जब वक्त पड़ा लोगो कोनैन के सुल्तों पर

धरती पे ओहद की और उस बदर के मैदाँ पर

जाँ देने मोहाजिर और अन्सार चले आए


सरकार चले आए सरकार चले आए

अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी

 अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी

अन्नबी मुशफिकी अन्नबी मोहसेनी


अन्नबी जुल्करम अन्नबी मोहतरम

व हुवा खैरुल उमम व खफीरुलहरम

दाइयुन हादियुन अन्नजी अस्सफी

हाशमी करशी अन्नबी


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी


बेकसों को फकीरों को दाता किया

आपने ही गुलामों को आका किया

आप जैसा न देखा किसी ने सखी


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी


वनशक्क्त समा वहुवा यौमल्जजा

यस्जुदू मुस्तफा ला यकूलू सवा

उम्मती उम्मती उम्मती उम्मती

उम्मती उम्मती उम्मती अन्नबी


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी


नाज़िशे दो जहाँ बाइसे कुन फकाँ

हासिले अर्श सय्यार-ए-लामकाँ

मुस्तफा मुज्तबा मक्कियो हाशमी


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी


जुल्म कुफ्फार मक्का के सहते रहे

अल्अहद अल्अहद फिर भी कहते रहे

और बिलाले हबश के था लब पर यही


अन्नबी अन्नबी अन्नबीअन्नबी


आप फख़्रे अरब आप आली नसब

दो जहाँ है बने आप ही के सबब

आपकी जात है जान तख्लीक की


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी


काना यम्शि शजर काना शुक्कल्कमर

यतहददस हजर कुल्लहा मुख्तसर
मोअजजातुन्नबी मोअज्जातुन्नबी

मोअज़्ज़ातुन्नबी अन्नबी


अन्नबी अन्नबी अन्नबी अन्नबी

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