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نوحہ و مرثیہ

 वला तकूलू लेमई युकतलू फी सबीलिल्लाहि अमवात बल अहया जो राहे हक में फिदा हो उसको कहो न तुम मुर्दा है वो जिन्दा निसार जो दीने हक पे होगे तो होंगे हर दो जहां तुम्हारे जो दीन पर जां निसार कर दे उसी क...

 बे घरों पर जुल्म की है इन्तिहा परदेस है और आले मुस्तफा बे आसरा परदेस है देस की मि‌ट्टी बहुत आले नबी से दूर है उनका हामी कौन है परदेस में मजबूर है जुल्म जितना भी करे जालिम इन्हें मन्जूर है छुट पा...

 तुमने लुटाया दीं पे भरा घर सिब्ते पयम्बर सिब्ते पयम्बर वादा किया जो उसको निभाना जुल्म के आगे सर न झुकाना अज़मते काबा घटने न पाये चाहे पड़े घर अपना लुटाना ख्वाब में बोले नाना ये आकर सिब्ते पयम्बर ...

 बढ़ने दो गमें इश्के हुसैन और जियादा पाने दो मेरे कल्ब को चैन और जियादा याद आयेगा जब खून शहीदाने वफा का तब अश्क बहायेंगे ये नैन और जियादा दिखलाये जो शब्बीर ने शमशीर के जौहर याद आये शहे बदरो हुनैन...

 गम खानए जुल्मत को हो तन्वीर मुबारक हो तुझको मेरे दिल गमे शब्बीर मुबारक शब्बीर चले रन की तरफ सर को कटाने हो ख्वाबे बराहीम को ताबीर मुबारक इस कैद ने आज़ादियां बख्शी हैं जहां को अय आबिदे बीमार हो ज...

 मदीने के वाली दो आलम के सरवर हुसैन इब्ने हैदर हुसैन इब्ने हैदर नहीं सब्र में कोई तेरे बराबर हुसैन इब्ने हैदर हुसैन इब्ने हैदर हो तुम शाफए रोजे महशर के दिलबर हो तुम ही शहा वारिसे हौजे कौसर तुम्ही...

 अय अली के जानशीं जहरा के जानी या हुसैन जान दी पायी हयाते जावेदानी या हुसैन कोई आलम में नहीं है तेरा सानी या हुसैन और जन्नत में है तेरी हुकमरानी या हुसैन है रसूले पाक की प्यारी निशानी या हुसैन आप...

 اے کرب و بلا تو آنکھیں بچھا آئے ہیں نبی کے گھر والےچمکا تیری قسمت کا تارا آئے ہیں نبی کے گھر والے دین کو دکھلانے نیچا آئے ہیں نبی کے گھر والےاسلام کا سر کرنے اونچا آئے ہیں نبی کے گھر والے گھربار لٹا ...

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