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Sy Shajar ali kalaam

 काश उनके गुम्बदो मीनार के साए तले नात लिक्खूं रौजा ए सरकार के साए तले इल्मे हक की रोशनी सारे जहां में छा गई सूरए इक्रा जो आई गार के साए तले अर्श है कुर्सी कलम है जन्नतुल फिरदौस है गुम्बदे खिजरा ...

 हर एक है शैदायी हर एक है दीवाना सरकार का ऐसा है अन्दाज करीमाना  मैंखार हैं छलकाते मै इश्के रिसालत की है रश्के मै कौसर सरकार का मैखाना  बेकार है आकाई मेरे लिये ऐ आका हस्त...