کاش طیبہ میں آقا بلائیں

 

काश तैबा में आक़ा बुलाऐं
सर के बल हम मदीने को जाऐं

एक दिन बारगाहे नबी में
अपनी मक़बूल होंगी दुआऐं
madaarimedia.com
मिट गई कुफरो बिदअत की ज़ुल्मत

नूरे हक़ की जो फैलीं ज़ियाऐं

मैं गुलामे शहे अम्बिया हूँ
हादिसे मुझसे दामन बचाऐं

लब पे आया जो नामे मुहम्मद
हो गयीं दूर सारी बलाऐं

जाके बादे सबा तू मदीना
अर्ज़ कर दे मेरी इल्तिजाऐं

सोज़, नाज़ाँ है रहमत पे उनकी
दो जहाँ जिनपे कुरबान जाऐं

ـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــ


Tagged:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *