और अपने पास क्या है रहमतुल लिल आलमीन

 और अपने पास क्या है रहमतुल लिल आलमीन

बस तुम्हारा आसरा है रहमतुल लिल आलमीन


धूप शिददत की कयामत की तपिश महशर का दिन

आपकी सर पर रिदा है रहमतुल लिल आलमीन


मरकजे अहले वफा है रहमतुल लिल आलमीन

आपका जो नक्शे पा है रहमतुल लिल आलमीन


हो जियारत आपके दरबार की मुझको नसीब

मेरे लब पे ये दुआ है रहमतुल लिल आलमीन


रहमते हक ने लिया बढ़ के उसे आगोश में

प्यार से जिसने कहा है रहमतुल लिल आलमीन


हे फरिश्ते उस पे नाजाँ रहमते उस पर निसार

जिसने दिल पर लिख लिया है रहमतुल लिल आलमीन


और कुछ मुझको दो आलम में नज़र आता नहीं

बस शजर का मुददआ है रहमतुल लिल आलमीन
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