तेरा रुतबा सिवा है गौसे आज़म
तू महबूबे खुदा है गौसे आजम
कभी शैतां न होगा इसमें दाखिल
मेरे दिल पर लिखा है गौसे आज़म
खुदा का मुददआ मेरे नबी हैं
नबी का मुददआ है गौसे आज़म
विलायत चूमती है तेरे तलवे
तेरा वो मरतबा है गौसे आजम
यकायक आगये बगदादी आका
मदद को जब कहा है गौसे आजम
तमाजत का शजर को क्यों हो खतरा
तेरी सर पे रिदा है गौसे आजम