जब जुल्म के बादल छाने लगे गुलशन के गुल कुम्हलाने लगे
इन्सान जब अपनी बच्ची को हैं जीते जी दफनाने लगे
हर सिम्त जफाओ जुल्म का जब है गर्म हुआ बाजार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
अब कोई भी अपनी बेटी को क्यों जीते जी दफनायेगा
बेटे की गर्दन पर कोई तलवार न बाप चलायेगा
हर शख्स का दिल बदलेगा अब हर फर्द हिदायत पायेगा
दरबार लगेगा आका का इन्साफ यकीनन पायेगा
सच्चाई और इन्साफ का लगने वाला है दरबार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
यह जब्र के शोले अब्रे इखलास से सब बुझ जायेंगे
सब कलियां लोरी गायेंगी गुलशन के गुल मुस्काएंगे
हर सिम्त उजाले बिखरेंगे सब जुल्मो सितम मिट जायेंगे
जब आमिना बी की गोदी में सरकारे मदीना आयेंगे
तब झूम झूम के मस्ती में यह बोलेगा संसार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
अब होगा वफा हर इक वादा ईमान की और खुद्दारी की
अब धूम दो आलम में होगी हर सिम्त अमानत दारी की
हो जायेगी खामोश जुबां अय्यारी और मक्कारी की
अब गूंज दो आलम में होगी हर सू फरमां बरदारी की
माँ बाप के अब हो जायंगे बच्चे फरमां बरदार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
आदम की लगजिश को रब ने जिसके सदके में बख्श दिया
मछली के पेट से यूनुस को जिसके सदके आजाद किया
ईसा ने जिसकी उम्मत में पैदा होने का अज़्म किया
और इब्राहीम ने ख्वाहिश की तो रब ने उन्हे यह मुजदा दिया
वह देखो अब्दुल्ला के घर सब नबियों के सरदार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
बुत खाने सारे कांप उठे काबे के सनम थर्राने लगे
अब कुफ्र की जुल्मत खत्म हुई दुनिया से अन्धेरे जाने लगे
तौहीद की किरणें फूट पड़ीं ईमां के उजाले छाने लगे
जब आमिना बी की गोदी में सरकार मदीना आने लगे
थर्रा कर लोगों बोल उठी है ये किसरा की दीवार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
कोई कमजोर नहीं होगा हर एक जरीयो कवी होगा
आकर इस्लाम के दामन में मोमिन होगा या वली होगा
वो आके विलायत बाटेंगे सब नबियों के सरदार हैं जो
कोई सिद्दीको उमर होगा कोई उस्मानो अली होगा
अब बदलेगी सारी दुनिया अब बदलेगा संसार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए
जब कोई परेशानी आई तकलीफ में जब भी आया मैं
इस आलमें हस्ती में लोगो गर कोई कभी दुख पाया मैं
गम ने है मुझे जब भी घेरा दुख दर्द से जब टकराया मैं
जब भी कोई तकलीफ पड़ी जिस वक़्त शजर घबराया मैं
मीलाद मना ली आका की उस वक़्त मेरे गुमख्वार
मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए