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हर एक शहर हर गली चमन चमन कली कली

हर एक शहर हर गली चमन चमन कली कली

पुकारते हैं हम सभी मेरे नबी मेरे नबी


है कौन वज्हे कुनफकाँ है कौन रश्के इन्सो जाँ

है किसकी सब पे सल्तनत मकीँ हो या हो लामकाँ

हबीब रब का कौन है तबीब सबका कौन है

पुकार उठा ये हर कोई मेरे नबी मेरे नबी


बड़ा ही खुश खिसाल है बड़ा ही बा कमाल है

नबी का जो बिलाल है वो दीन का हिलाल है

मिलें है उसको गम बहुत हुई है आँख नम बहु

मगर ज़बाँ पे था यही मेरे नबी मेरे नबी


न जुस्तजू दफीने की न है तलब खजीने की

मेरे खुदा है आरजू मुझे फक्त मदीने की

मदीना पहुँचू जिस घड़ी हो सामने दरे नबी

तो लब पे आए बस यही मेरे नबी मेरे नबी


हर उम्मती की जान हो हर एक बशर की शान हो

तुम्ही हो वज्हे कुन फकाँ तुम्ही निगेहबान हो

तुम्ही हो अर्श का सुकूँ खुदा के मेहमान हो

है जिब्रईल हैरती मेरे नबी मेरे नबी


जलेगा हर मकाँ मकीं तपेगी धूप से ज़मी

शदीद होगी धूप की तपिश मगर है ये यकीं

घटा वो बनके आऐगें वहीं मेरी बुझाऐगें

बरोजे हश्र तश्नगी मेरे नबी मेरे नबी


न पूछ मुझसे क्या हूँ मैं गुलामे मुस्तफा हूँ मैं

नबी का हूँ गदाए दर तो सब का मुददआ हूँ मैं

गुलामिये नबी मिली नबी की चाकरी मिली

अबस है अब शहिन्ही मेरे नबी मेरे नबी


नबी की जलवा गाह में रसूल की पनाह में

चला है आशिके नबी मदीना तेरी राह में

नहीं है कज कुलाह में बसा है बस निगाह में

दरे रसूले हाशमी मेरे नबी मेरे नबी


अँधेरी कब्र में शजर लगा जो तीरगी से डर

थी जा बहोत वो पुरख़तर करम ये हो गया मगर

वो नूर बनके आ गये लहद को जगमगा गये

फना हुई है तीरगी मेरे नबी मेरे नबी
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