ہر ظلم ہوا برباد کہ آئے میرے پیار نبی

 

हर जुल्म हुआ बर्बाद कि आए मेरे प्यारे नबी
अब कोई न हो नाशाद कि आए मेरे प्यारे नबी

रहमत के बादल बरसे हैं दुनिया की सूखी धरती पर
गुलशन में बहारें आई हैं सब फूलें फलें फल फूल शजर
मालिक ने सुनी फरियाद कि आए मेरे प्यारे नबी
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अब कुफ्र की दुनिया सूनी है सन्नाटे हैं बुत खानो में

हर सिम्त है इक शोरे मातम अब बिदअत के ऐवानो में
बातिल की हिली बुनियाद कि आए मेरे प्यारे नबी

बिखरे हैं सदाक़त के जलवे फारूक़िय्यत की बस्ती में
हैं नूरे सखावत नूरे विला इन्सानियत की हस्ती में
हर शख्श हुआ आबाद कि आए मेरे प्यारे नबी

सय्याद के पिंजरों के अन्दर दुख दर्द भरीं थीं आबाज़ें
ज़ालिम दुनिया ने पर काटे और छीन लीं जिनकी परवाज़ें
वो पंछी हुऐ आज़ाद कि आए मेरे प्यारे नबी

है सोज़, नहीं मज़लूमों को अब जुल्मों तशदुश का ख़तरा
आमद से उनकी खुश होकर कहता है यतीम इक इक बच्चा
अब होगी मेरी इमदाद कि आए मेरे प्यारे नबी

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