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 हबीबे शाफए महशर का नाम है शब्बीर फिदाये साहिबे कौसर का नाम है शब्बीर रजा ए खालिक अकबर का नाम है शब्बीर वकारे दीन पयम्बर का नाम है शब्बीर शुजाए फातहे खैबर का नाम है शब्बीर सवारे दोशे पयम्बर का ना...

 याद आयी करबला हम को तो हम रोने लगे एक हम क्या हूरो गिलमाने इरम रोने लगे बाजुए अब्बास अकबर का गला आका का सर लिखते लिखते खून का किस्सा कलम रोने लगे फर्ते गम से जब अली अकबर को रोना आ गया ऐसा लगता थ...

 तुम हो जहरा के जिगर पारे हो तुम नूरे नबी या हुसैन इब्ने अली या हुसैन इब्ने अली नूरे हक नूरे अज़ल शम्मे शबिस्ताने अरब शाहे दी शाहे मुबीं शाहे शहीदाने अरब हो अरब या हो अजम धूम है हर सिम्त तेरी या ...

 वला तकूलू लेमई युकतलू फी सबीलिल्लाहि अमवात बल अहया जो राहे हक में फिदा हो उसको कहो न तुम मुर्दा है वो जिन्दा निसार जो दीने हक पे होगे तो होंगे हर दो जहां तुम्हारे जो दीन पर जां निसार कर दे उसी क...

 बे घरों पर जुल्म की है इन्तिहा परदेस है और आले मुस्तफा बे आसरा परदेस है देस की मि‌ट्टी बहुत आले नबी से दूर है उनका हामी कौन है परदेस में मजबूर है जुल्म जितना भी करे जालिम इन्हें मन्जूर है छुट पा...

 तुमने लुटाया दीं पे भरा घर सिब्ते पयम्बर सिब्ते पयम्बर वादा किया जो उसको निभाना जुल्म के आगे सर न झुकाना अज़मते काबा घटने न पाये चाहे पड़े घर अपना लुटाना ख्वाब में बोले नाना ये आकर सिब्ते पयम्बर ...

 बढ़ने दो गमें इश्के हुसैन और जियादा पाने दो मेरे कल्ब को चैन और जियादा याद आयेगा जब खून शहीदाने वफा का तब अश्क बहायेंगे ये नैन और जियादा दिखलाये जो शब्बीर ने शमशीर के जौहर याद आये शहे बदरो हुनैन...

 गम खानए जुल्मत को हो तन्वीर मुबारक हो तुझको मेरे दिल गमे शब्बीर मुबारक शब्बीर चले रन की तरफ सर को कटाने हो ख्वाबे बराहीम को ताबीर मुबारक इस कैद ने आज़ादियां बख्शी हैं जहां को अय आबिदे बीमार हो ज...

 मदीने के वाली दो आलम के सरवर हुसैन इब्ने हैदर हुसैन इब्ने हैदर नहीं सब्र में कोई तेरे बराबर हुसैन इब्ने हैदर हुसैन इब्ने हैदर हो तुम शाफए रोजे महशर के दिलबर हो तुम ही शहा वारिसे हौजे कौसर तुम्ही...

 अय अली के जानशीं जहरा के जानी या हुसैन जान दी पायी हयाते जावेदानी या हुसैन कोई आलम में नहीं है तेरा सानी या हुसैन और जन्नत में है तेरी हुकमरानी या हुसैन है रसूले पाक की प्यारी निशानी या हुसैन आप...