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سر سجدهٔ خالق میں ہے اور لب پہ دعا ہے

 

सर सज्दए ख़ालिक़ मे है और लब पे दुआ है
उम्मत के लिये क्या नहीं आक़ा ने किया है

अल्लाह रे क्या अज़मते महबूबे खुदा है
खुद अर्श-ए-बरीं बढ़ के क़दम चूम रहा है
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क्या सल्ले अला गुलशने महबूबे खुदा है

जो फूल है खुशबूऐ मौहम्मद में बसा है

उस बच्चे को क्या होगा ग़में दर्द यतीमी
जो रहमते कौनैन की गोदी में पला है

क्या अपनी जुबाँ से कहूँ हाले ग़में दौराँ
जो बीत रही है मेरे आक़ा को पता है

बस गुम्बदे ख़ज़रा की ज़ियारत हो मुयस्सर
दिल में कोई ख्वाहिश ही नही इसके सिवा है

दुनिया के शहनशाहों से बेहतर है वो ए सोज़
आका की गुलामी का शरफ़ जिसको मिला है

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کون یہاں ہے کس کا ساتھی یہ مطلب کی دنیا ہے

 

कौन यहाँ है किसका साथी यह मतलब की दुनिया है
जो दुखियों के आँसू पोछे वोह तो मदीने वाला है

ऐसा करम फरमाने वाला कोई बताओ देखा है
बाँधे है अपने पेट से पत्थर और दुनिया का दाता है

इन्ना आतैना कल कौसर कुरऔं में फरमाया है
ख़ालिक़े आज़म ने ए आक़ा आपको सब कुछ बख्शा है

नूरे मुजस्सम के क़दमों को प्यार से तूने चूमा है
अर्जे मदीना अर्श का हमसर तेरा ज़र्रा ज़र्रा है
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दर दर ठोंकर खाने वालो इस दर्जा बे आस न हो

आओ माँगें भीख उसी से जो रहमत का दरिया है

अपनी तो बद आमाली से बख्शिश की उम्मीद नही
महशर में ए शाफेऐ महशर तेरा एक सहारा है

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یوں عام زمانے میں کرو پیار کی باتیں


यूँ आम ज़माने में करो प्यार की बातें
बच्चों को सिखाओ मेरे सरकार की बातें

कुछ इसके अलावा मुझे अच्छा नहीं लगता
दिल कहता है करते रहो सरकार की बातें
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इन चाँद सितारों की ज़िया माँद है आक़ा

हैं इतनी मुनव्वर तेरे किरदार की बातें

आये हैं उमर पेशे नबी सर को झुकाऐ
अब क़त्ल की बातें हैं न तलवार की बातें

अल्लाह की रहमत की वहाँ होती है बारिश
होती हैं जहाँ अहमदे मुख्तार की बातें

ईमान के फूलों से भरा आपने दामन
हम भूल गऐ कुफ्र के हर ख़ार की बातें

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طیبہ کی آرزو میں جئے جارہا ہوں میں

 

तैबा की आरज़ू में जिये जा रहा हूं मैं
जामे ग़मे फ़िराक़ पिये जा रहा हूं मैं

तैबा की हाज़री का शरफ़ मिल गया मुझे
हर फिक्र को सलाम किये जा रहा हूं मैं
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अब क़ब्र के अंधेरों की परवाह नहीं मुझे

इश्क़े नबी का नूर लिये जा रहा हूं मैं

तैबा की रह गुज़र है निगाहों के सामने
जज़्बे जुनूँ मे सज्दे किये जा रहा हूं मैं

ऐ सोज़ जिसमें खुशबू है इश्क़े रसूल की
ज़हनों को ऐसे लफ्ज़ दिये जा रहा हूं मैं

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تاجدار رسولاں سلام علیک


ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक

दोनो आलम के सुल्ताँ सलामुन अलैक
ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक

आप शमसुद्दहा आप बदरुद्दजा
आप ही इब्तिदा आप ही इंतिहा
बानिये दीनो ईमाँ सलामुन अलैक
ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक

मदह में तेरी क़ुरआन है सर व सर
हुस्ने यूसुफ भी कुरबाँ तेरे हुस्न पर
मिदहते हुस्ने कुरआँ सलामुन अलैक
ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक
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कोई चश्मे अक़ीदत से देखे ज़रा

आपका नक्शे पा सरवरे अम्बिया
है नगीने सुलैमाँ सलामुन अलैक
ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक

कोई ऐसा नबी जग में आया नहीं
जिसका सानी नहीं जिसका सायानहीं
पैकरे नूरे यज़दाँ सलामुन अलैक
ताजदारे रसूलाँ सलामुन अलैक

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زمیں مداری ہے یہ آسماں مداری ہے

 ज़मीं मदारी है यह आसमाँ मदारी है

मदार सब के हैं सारा जहाँ मदारी है


लगी हुई है जो एक भीड़ गर्दे पेशे मज़ार

यह सारी बिखरी हुई कहकशाँ मदारी है


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है लफ्ज़ लफ्ज़ में इनके जमाल की खुशबू

किताबे ज़ीस्त की हर दास्ताँ मदारी है


हर एक मज़हबो मिल्लत पे इनका है एहसाँ

हर एक साक़िने हिन्दोस्ताँ मदारी है


चराग़ दीने मुहम्मद उधर हुऐ रौशन

गुज़र जिधर से गया कारबाँ मदारी है


मदार टीकरी अजमेर की यह कहती है

हमारे शहर का हर एक निशाँ मदारी है

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