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जब भी दिले रन्जूर ने दी है सदा या मुस्तफा

 जब भी दिले रन्जूर ने दी है सदा या मुस्तफा

बरसी तुम्हारे फैज़ की मुझ पर घटा या मुस्तफा


होगा चमन हददे नज़र खुल जाएगा जन्नत का दर

महशर में जब देखेगें हम जल्वा तेरा या मुस्तफा


तुम नूर बनके आए जब दुनियाँ ने पहचाना है तब

वरना खुदा का नूर भी एक राज था या मुस्तफा


इम्दाद उसको मिल गई उसकी खिली दिल की कली

रंजो गमों आलाम में जिसने कहा या मुस्तफा


तू रब का ऐसा नूर है है माँद जिसके सामने

हर इक किरन हर एक चमक हर एक जिया या मुस्तफा


जो मुश्किलें आसाँ करे कल्बे हजी शादाँ करे

दुनियाँ में कोई भी नहीं तेरे सिवा या मुस्तफा


पत्थर बना रश्के गोहर फूला फला है वो शजर

तेरे वसीले से है की जिसने दोआ या मुस्तफा

हर एक शहर हर गली चमन चमन कली कली

हर एक शहर हर गली चमन चमन कली कली

पुकारते हैं हम सभी मेरे नबी मेरे नबी


है कौन वज्हे कुनफकाँ है कौन रश्के इन्सो जाँ

है किसकी सब पे सल्तनत मकीँ हो या हो लामकाँ

हबीब रब का कौन है तबीब सबका कौन है

पुकार उठा ये हर कोई मेरे नबी मेरे नबी


बड़ा ही खुश खिसाल है बड़ा ही बा कमाल है

नबी का जो बिलाल है वो दीन का हिलाल है

मिलें है उसको गम बहुत हुई है आँख नम बहु

मगर ज़बाँ पे था यही मेरे नबी मेरे नबी


न जुस्तजू दफीने की न है तलब खजीने की

मेरे खुदा है आरजू मुझे फक्त मदीने की

मदीना पहुँचू जिस घड़ी हो सामने दरे नबी

तो लब पे आए बस यही मेरे नबी मेरे नबी


हर उम्मती की जान हो हर एक बशर की शान हो

तुम्ही हो वज्हे कुन फकाँ तुम्ही निगेहबान हो

तुम्ही हो अर्श का सुकूँ खुदा के मेहमान हो

है जिब्रईल हैरती मेरे नबी मेरे नबी


जलेगा हर मकाँ मकीं तपेगी धूप से ज़मी

शदीद होगी धूप की तपिश मगर है ये यकीं

घटा वो बनके आऐगें वहीं मेरी बुझाऐगें

बरोजे हश्र तश्नगी मेरे नबी मेरे नबी


न पूछ मुझसे क्या हूँ मैं गुलामे मुस्तफा हूँ मैं

नबी का हूँ गदाए दर तो सब का मुददआ हूँ मैं

गुलामिये नबी मिली नबी की चाकरी मिली

अबस है अब शहिन्ही मेरे नबी मेरे नबी


नबी की जलवा गाह में रसूल की पनाह में

चला है आशिके नबी मदीना तेरी राह में

नहीं है कज कुलाह में बसा है बस निगाह में

दरे रसूले हाशमी मेरे नबी मेरे नबी


अँधेरी कब्र में शजर लगा जो तीरगी से डर

थी जा बहोत वो पुरख़तर करम ये हो गया मगर

वो नूर बनके आ गये लहद को जगमगा गये

फना हुई है तीरगी मेरे नबी मेरे नबी

फरिश्ते यूँ इबादत कर रहे हैं

 फरिश्ते यूँ इबादत कर रहे हैं

तेरे दर की जियारत कर रहे हैं


अदा आका की सुन्नत कर रहें हैँ

अली से हम मोहब्बत कर रहे हैं


सितारो आओ बढ़के दो गवाही

वो ऐलाने नबुव्वत कर रहें है


वो सिदरा से भी आगे जा चुके हैं

खड़े जिबरील हैरत कर रहे हैँ


सरों पे जैसे बैठे हों परिन्दे

सहाबा यूँ समाअत कर रहें हैं


मदीने वालों तुमको हो मुबारक

मेरे सरकार हिजरत कर रहें हैँ


सितारे चाँद गर्दिश आस्माँ पर

तुम्हारी ही बदौलत कर रहें हैँ


तुम्हारे खून की निस्बत के सदके

बशर सब मेरी इज्जत कर रहे हैँ


हरम से अर्शे आज़म तक की पूरी

वो पल में तै मसाफ़त कर रहें हैं


बुलाकर सरवरे आलम मदीने

शजर की पूरी हसरत कर रहे हैं

सभी आसियों का वही आसरा है

 सभी आसियों का वही आसरा है

जो महबूबे हक हैरसूले खुदा है


मोहम्मद का रुत्बा जहाँ में सिवा है

कोई उनके जैसा नहीं दूसरा है


बढ़ी और भी आतिशे इश्के अहमद

मदीने से आई जो ठन्डी हवा है


करम कीजिये नाखुदाए मदीना

कि तूफान में मेरा बेड़ा फंसा है


बुलाएगें कब रहमते हर दो आलम

ये जाइर से दीवाना दिल पूछता है


तेरे नूर से चाँद सूरज है रौशन

सितारों में बाकी तुझी से जिया है


ज़माने की गर्दिश न इससे उलझ तू

शजर तो मोहम्मद के दर का गदा है

हुजूरी की हर दम दुआ माँगते हैं इन आँखों में आँसू मचलते मचलते

 हुजूरी की हर दम दुआ माँगते हैं इन आँखों में आँसू मचलते मचलते

दयारे मदीना से हम दूर रहकर कहाँ तक रहेगें तड़पते तड़पते


तेरी जुल्फ का मोजिजा है ये आका दो आलम रहेगें महकते महकते

जिया चाँद तारों को देता रहेगा तेरा नूरी तल्वा चमकते चमकते


हर एक आँख नम थी हर एक दिल में गम था मदीने में था एक कोहराम बरपा

सुनी अहले तैबा ने बादे नबी जब अजाने बिलाली बिलखते बिलखते


यही आरजू है यही है तमन्ना बस एक बार मैं देख लू तेरा रौजा

बुला लो मदीने में अय मेरे आका हुई एक मुददत तड़पते तड़पते


करूँ मदह तेरी क्या औकात मेरी कहाँ नाते सरवर कहाँ जात मेरी

तेरा ही वुफूरे करम है ये आका संभलता रहा हूँ बहकते बहकते


अकेला शजर ही नहीं मदहख्वाँ है नबी का तो मद्दाह सारा जहाँ है

हैं गाते परिन्दे भी नग्में नबी के हर एक सुब्ह उठकर चहकते चहकते

मेरे आका करम फरमाइयेगा

 मेरे आका करम फरमाइयेगा

मदीना हमको भी बुलवाइयेगा


कभी सर पर मेरे जो आए मुश्किल

मदद के वास्ते आ जाइयेगा


यकीनन आएगें नूरे मुजस्सम

न हरगिज़ कब्र में घबराइयेगा


हो दिल तैबा की फुरकत से परेशाँ

नबी की नात से बहलाइयेगा


है खाली दिल की बस्ती रहमते कुल

हमारे सीने में बस जाइयेगा


जो बरसें आपकी फुरकत में आँखें

हुजूर अबरे करम बरसाइयेगा


नज़र में सीरते सरकार रख के

मसाइल जीस्त के सुलझाइयेगा


लिबासे रहबरी पहनें है रहजन

शजर हरगिज न धोका खाइयेगा

फिदाका या रसूलल्लाह फिदाका या रसूलल्लाह

 फिदाका या रसूलल्लाह फिदाका या रसूलल्लाह

जमाले रुए अन्वर से हैं ये आँखे मेरी रौशन

पसीना तेरा महकाए हुए है दिल का ये गुलशन

बसा इस दिल में बस तू है कि साँसों में तेरी बू है

है जेहनों में तेरा नक्शा फिदाका या रसूलल्लाह


अबू अय्यूब अन्सारी अनस सलमानों बू मूसा

अबू अस्वद बेलालो जैदो हस्सानो अबू तल्हा

वो सिददीको उमर हैदर वो जुन्नूरैन और बूजर

सहाबा का हर इक बच्चा फिदाका या रसूलल्लाह


सुहानी रात में ये जो सितारे जगमगाते हैं

उतरती चाँदनी है और जुगनू टिमटिमाते हैं

ये भंवरे गीत गाते हैं ये गुल जो मुस्कुराते हैं

तुम्हारे ही लिये आका फिदाका या रसूलल्लाह


तमन्नाए दिली मेरी जो बर आए तो क्या कहना

तुम्हारे आस्तों की दीद हो जाए तो क्या कहना

है आँखो में तेरा रौजा मगर मजबूर हूँ आका

बुला लीजे मुझे तैबा फ़िदाका या रसूलल्लाह


सजाए ख्वाब आखों में बसाए दिल में गम तेरा

हूँ बैठा राहे तैबा पर के कब होगा करम तेरा

बुलावा आएगा कब तक शजर मुस्काएगा कब तक

तेरा दीदार कब होगा फिदाका या रसूलल्लाह

या अय्यो हन्नबी या अय्यो हन्नबी

 या अय्यो हन्नबी या अय्यो हन्नबी

मुज़्ज़म्मिलो मुददस्सिरो यासीन वल क़रशी

मुज़्ज़क्किरो मोहम्मदो महमूद वल मक्की

नूरुँ व अब्तही या अय्यो हन्नबी


तुम बाइसे तकमिले दीं खत्मे रुसुल तुम हो

हो मन्जिले राहे हुदा नूरे सुबुल तुम हो

तुमसे है रौशनी या अय्यो हन्नबी


अय शाहकारे मालिके सूदोज़ियाँ तुम पर

हर उम्मती की अय शहे कौनों मकाँ तुम पर

कुरबान जिन्दगी या अय्यो हन्नबी


दिल ने हमारे पा लिया है अपना मुद्दआ

इश्के रसूले पाक का है गम इसे मिला

कुरबान हर खुशी या या अय्यो हन्नबी


छूटा जो मुझसे है तेरा दरबार हो गई

तुझसे बिछड़ के अय मेरे सरकार हो गई

बेकैफ जिन्दगी या अय्यो हन्नबी


दोनों जहाँ के मालिको मुख़्तार तुम से है

कहते शजर तारे हैँ अय सरकार तुमसे है

आलम में रोशनी या अय्यो हन्नबी

शाफए हश्र के दामन की हवा मिल जाए

 शाफए हश्र के दामन की हवा मिल जाए

हम गुलामों को भी जन्नत का मजा मिल जाए


लहलहा उठ्ठे मेरे आका मेरी किश्ते हयात

आपकी जुल्फ की जो काली घटा मिल जाए


फिर उसे खौफ हो महशर का न फिक्रे दोजख

आप मिल जाएँ जिसे उसको खुदा मिल जाए


मेरे माथे को सजाने के लिये ले आना

उनके जायर जो तुझे खाके श्फिा मिल जाए


जो है दीवाना शहे करबोबला का लोगों

हो नहीं सकता उसे कोई बला मिल जाए


मुझ गुनहगार को तैबा में असीरी दे दो

मेरे जुर्मों की मेरे आका सजा मिल जाए


क्या अजब है के तुझे चाँद पे जाने वाले

मेरे सरकार का नक्शे कफे पा मिल जाए


देख ले जो भी अकीदत से मदारी रौजन

अय शजर उसको मदीने का पता मिल जाए

हजरते आयशा ने कहा आपके सामने

 हजरते आयशा ने कहा आपके सामने

हेच सूरज की भी है जिया आपके सामने


आपने जब कदम रख दिये मोम पत्थर हुए

संग रेजों ने कल्मा पढ़ा आपके सामने


काबा कौसेन को देख लो इस पे शक है अगर

शब है मेराज की है खुदा आपके सामने


हर तरफ है कयामत बपा अब करम कीजिये

अर्ज करते है सब अम्बिया आपके सामने


देखते थे कभी आपको और कभी चाँद को

चाँद लगता था बेनूर सा आपके सामने


हों वो इन्सानों जिन्नों मलक साकिनाने फलक

अर्ज करते हैं सब मुददआ आपके सामने


ऐसे मलऊन पर बाखुदा दस्ते कुदरत उठा

सर उठाया है जिसने शहा आपके सामने


उम्मे सलमों के हाथों में दी खाके करबो बला

था शजर मन्ज़रे करबला आपके सामने

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