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अन्ता ले कुल्लिन रहमतो अरहम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम

 अन्ता ले कुल्लिन रहमतो अरहम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम

अन्ता मोअज़्ज़म अन्ता मुकर्रम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


कामिलो अकमल अकरमो अफहम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम

अजमलो अनवर अहसनों आजम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


तुझपें है नाजा हजरते ईसा तेरे सनाख्वाँ हज़रते मूसा

फख्रे इब्राहीमो आदम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


लैसा कमिसलिक फी मख्लूकिन लैसा फी मालिक वा मम्लूकिन

लैसा कमिसलिक फिब्ने आदम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


तू तो आका अर्श नशी है तेरा हमसर कोई नहीं है

तू ही मोअज्जम तू ही मुकर्रम सल्लल्लाहों अलैका वसल्लम


या मुज्जम्मिल या मुददस्सिर कालल्लाहो कुम फ अनजिर

कुमता अकामददीन फि आलम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


चाहे ये दुनियाँ जितना रोके टोकने वाला जितना टोके

पढ़ते रहेगें हश्र तलक हम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


मा अहसनो का वस्फो नबीइन मा अजमलोका वज्हो नबीइन

अन्ता कमरुल्लैलिलमुज़्लम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम


मेरे आका रोजे कयामत जाएगें सब सूए जन्नत

हाथ में लेकर आपका परचम सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम

MADINAIS THE BEST

 MADINAIS THE BEST MADINA IS THE BEST

IF YOU WANT TO SEE JANNAH SO

GO AWAY BE GUEST


MADINAIS THE BEST MADINA IS THE best


BEAUTIFUL YOUR LAND MADINA BEAUTIFUL YOUR PLACE

BEAUTIFUL YOUR NABI MOHAMMAD BEAUTIFUL HIS FACE

IN THE SOUTH IN THE NORTH IN EAST AND IN WEST


MADINA IS THE BEST MADINA IS THE BEST


ABOOBAKAR USMAN ALI FAAROOQUE YOUR FOLLOWER

AND ON YOU YAA RASOOLALLAH NABUVVAT OVER

YOUR SAHABA VERY NICE AND YOU EVEN PERFECT


MADINA IS THE BEST MADINA IS THE BEST


ABBOBAKAR USMAN UMAR IS ROOTS OF THE UMMAH

HASAN HUSAIN FAATEMA ZAHRA OWNER OF THE JANNAH

AAQA IS CITY OF THE KNOWLEDGE AND ALI IS GATE


MADINA IS THE BEST MADINA IS THE BEST


ONE WHO PEACE AND MERCY AND BLESSING FOR THE WORLD

ONE WHO KING OF THE OCEAN ONE WHO KING OF WORLD

SEE HIM TO HIS HAND IS HIS PILLOW AND BROKEN HIS MAT


MADINA IS THE BEST MADINA IS THE BEST

शाह भी उनके दरबार में बिक गए

 शाह भी उनके दरबार में बिक गए

जो मदीने के बाजार में बिक गए


कोई अन्दाजा कीमत का क्या कर सके

हम तो जा कर दरे यार में बिक गए


गौसो अक्ताबो अफ्रादो अबदाल सब

जो गए तेरे दरबार में बिक गए


छा गई हर तरफ जिस घड़ी नफरतें

या नबी हम तेरे प्यार में बिक गए


मुफ्ती तौहीने कब्रे रिसालत करें

जो थे अपने वह अगयार में बिक गए


शह ने सब्रो तहम्मुल खुदा से लिया

और लईं तीरो तलवार में बिक गए


हों वह सिद्दीको फारूको उस्माँ अली

तेरे चेहरे के अनवार में बिक गए


जिसको खतरा नहीं है खिज़ां का कभी

हम शजर ऐसे गुलज़ार में बिक गए


अहसना मिनका हस्सान ने जब कहा

हम शजर उनके अशआर में बिक गए

मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम

 नाम तेरा है जपता हो कोई खादिम या मखदूम

मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


तेरा जलवा बसा है निगाहों में तेरी खुश्बू बसी है हवाओं में

तू है कोयल की हर तानों में तू है हरमोमिन की सांसों में

तू है हर जुगनू की अदाओं में तू है हर सूफी की निगाहों में

जन्नत के पत्ते पत्ते पर है नामे नबी मरकूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की घूम


तौरेतो जुदूर इन्जील में भी कुरआन के सारे पारों में

वेदों में और पुराणों में हर मजहब के आचारों में

अशआर में और तकरीरों में और दीवानों के नारों में

हर बात के तुम ही माखुज हो हर कौल के हो मफहूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


बगदादे मुअल्ला हो या हो अजमेर की धरती या कलियर

हो चाहे नजफ अशरफ करबल किसरा की ज़र्मी हो या खैबर

हो अर्जे मकनपुर या देवा हो चाहे कछौछा या सन्जर

वो चीन हो या जापान हो हो फारस या हो रूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


मेराज को पहुंचे मेरे नबी अक्सा में इमामत फरमाई

जन्नत देखी दोजख देखी नबियों की क्यादत फरमाई

रफरफ व्हरा जिब्रील रुके सिदरा की है जब मंजिल आई

सिदरा से भी आगे क्या है भला जिब्रील को क्या मालूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


मखदूमे अशरफ से पूछो मस्जिद के मनारों से पूछो

शह दाना से शह मीना से वलियों की मज़ारों से पूछो

खम्बात के साहिल से पूछो नदियों की धारों से पूछो

फैजाने मदारी से अय शजर है कौन भला महरूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम


अब्बास का बाजू हो या हो अकबर का वह कड्यल ला

बातिल के सामने कहता है सरकारे दो आलम का कुन्बा

कासिम की शहादत कहती है और हुर का कहता है जज़्बा

मुस्लिम नुमा काफि से बोला यह असगर का हुलकूम


मेरे नबी की धूम है हर सू मेरे नबी की धूम

वह रब के नबी सब के गम ख़्वार बचाएंगे

 वह रब के नबी सब के गम ख़्वार बचाएंगे

हम सब को सरे महशर सरकार बचाएंगे


सरकार की आमद है पूंछो यह नसारा से

किस तरह से किसरा की दीवार बचाएंगे


सिद्दीको उमर उसमां और मौला अली मिलकर

इस्लामो शरीअत का मेयार बचाएंगे


घर बार लुटा कर और सर दे के सरे कर्बल

अब दीन को जन्नत के सरदार बचाएंगे


सरकार के गुलशन के फूलों से हुई निस्बत

खुद हम से शजर दामन अब खार बचाएंगे

मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए

 जब जुल्म के बादल छाने लगे गुलशन के गुल कुम्हलाने लगे

इन्सान जब अपनी बच्ची को हैं जीते जी दफ‌नाने लगे

हर सिम्त जफाओ जुल्म का जब है गर्म हुआ बाजार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


अब कोई भी अपनी बेटी को क्यों जीते जी दफ‌नायेगा

बेटे की गर्दन पर कोई तलवार न बाप चलायेगा

हर शख्स का दिल बदलेगा अब हर फर्द हिदायत पायेगा

दरबार लगेगा आका का इन्साफ यकीनन पायेगा

सच्चाई और इन्साफ का लगने वाला है दरबार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


यह जब्र के शोले अब्रे इखलास से सब बुझ जायेंगे

सब कलियां लोरी गायेंगी गुलशन के गुल मुस्काएंगे

हर सिम्त उजाले बिखरेंगे सब जुल्मो सितम मिट जायेंगे

जब आमिना बी की गोदी में सरकारे मदीना आयेंगे

तब झूम झूम के मस्ती में यह बोलेगा संसार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


अब होगा वफा हर इक वादा ईमान की और खुद्दारी की

अब धूम दो आलम में होगी हर सिम्त अमानत दारी की

हो जायेगी खामोश जुबां अय्यारी और मक्कारी की

अब गूंज दो आलम में होगी हर सू फरमां बरदारी की

माँ बाप के अब हो जायंगे बच्चे फरमां बरदार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


आदम की लगजिश को रब ने जिसके सदके में बख्श दिया

मछली के पेट से यूनुस को जिसके सदके आजाद किया

ईसा ने जिसकी उम्मत में पैदा होने का अज़्म किया

और इब्राहीम ने ख्वाहिश की तो रब ने उन्हे यह मुजदा दिया

वह देखो अब्दुल्ला के घर सब नबियों के सरदार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


बुत खाने सारे कांप उठे काबे के सनम थर्राने लगे

अब कुफ्र की जुल्मत खत्म हुई दुनिया से अन्धेरे जाने लगे

तौहीद की किरणें फूट पड़ीं ईमां के उजाले छाने लगे

जब आमिना बी की गोदी में सरकार मदीना आने लगे

थर्रा कर लोगों बोल उठी है ये किसरा की दीवार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


कोई कमजोर नहीं होगा हर एक जरीयो कवी होगा

आकर इस्लाम के दामन में मोमिन होगा या वली होगा

वो आके विलायत बाटेंगे सब नबियों के सरदार हैं जो

कोई सिद्दीको उमर होगा कोई उस्मानो अली होगा

अब बदलेगी सारी दुनिया अब बदलेगा संसार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए


जब कोई परेशानी आई तकलीफ में जब भी आया मैं

इस आलमें हस्ती में लोगो गर कोई कभी दुख पाया मैं

गम ने है मुझे जब भी घेरा दुख दर्द से जब टकराया मैं

जब भी कोई तकलीफ पड़ी जिस वक़्त शजर घबराया मैं

मीलाद मना ली आका की उस वक़्त मेरे गुमख्वार


मुहम्मद आ गए मुहम्मद आ गए

चले हो जाएरे खैरुल वरा मदीने में

 चले हो जाएरे खैरुल वरा मदीने में

हमारे हक में भी करना दुआ मदीने में


दरे रसूले मुअज़्ज़म पे हाजिरी के लिए

फरिश्ते आते हैं सुब्हो मसा मदीने में


वहां का तुर्श भी शीरो शकर से बेहतर है

किसी भी शय को न कहना बुरा मदीने में


अदब से सांस भी लेते हैं बायजीदो जुनैद

है जलवा फरमा शहे अम्बिया मदीने में


इसी मदीने को सब कहते यसरिबो बतहा

जो होते तुम न रसूल खुदा मदीने में


ऐ नूर वाले फक्त आप ही का है एजाज

जो चार सिम्त अजब है जिया मदीने में


कोई भी इसका लगा सकता नहीं अन्दाजा

जो नेकियों का है मिलता सिला मदीने में

ज़मीं पर कोई भी सब्ज़ा कभी पैदा नहीं होता

 ज़मीं पर कोई भी सब्ज़ा कभी पैदा नहीं होता

नबी के सब्ज़ गुम्बद का अगर सदका नहीं होता


न होते चाँद और तारे न सूरज की किरण होती

सरापा नूर है जो उनका गर जलवा नहीं होता


वहां से लौट कर हर लम्हा बस यह फिक्र रहती है

दरे सरकार से ऐ काश मैं लौटा नहीं होता


जबीं चौखट पे रख के कहता है दीवाना आका का

अगर आका नहीं होते कोई सजदा नहीं होता


तपिश से धूप की जलती सरे महशर तेरी उम्मत

अगर उम्मत पे दामन का तेरे साया नहीं होता


कयामत तक नहीं होता कुबूले हक कोई सजदा

अगर शब्बीर का वह आखिरी सजदा नहीं होता


हमारी मगफिरत के वास्ते गर तुम नहीं होते

हमें दोजख से बचने का कोई रस्ता नहीं होता


शजर कुछ भी नहीं होता गुनाहों के सिवा बाकी

मेरा दिल गर मेरे सरकार पर शैदा नहीं होता

तेरे दर से खाली लौटा कोई आदमी नहीं है

 तेरे दर से खाली लौटा कोई आदमी नहीं है

तेरे जैसा सारी दुनिया में कोई सखी नहीं है


कभी उसके दिल में दाखिल नहीं होता नूरे ईमाँ

तेरा इश्क जिसके सीने में मेरे नबी नहीं है


तू ही मेरे गम का दरमां तुम्हीं मेरे दिल की तसकीं

ऐ मेरे रसूल दुनिया में मेरा कोई नहीं है


तेरी शान अल्लाह अल्लाह ऐ मेरे नबी ए अकरम

वह कोई नबी नहीं जो तेरा मुक्तदी नहीं है


है हुसैन मेरा आका है हुसैन मेरा मौला

जो हुसैन का नहीं है वह खुदा का भी नहीं है


तू ही नूर का है पैकर तू ही रश्के तूर आका

जो जिया न तुझसे पाए कोई रोश्नी नहीं है

खुदा रा मेरी आरजू है कि बीते मेरी उम्र नातें सुनाते सुनाते

 खुदा रा मेरी आरजू है कि बीते मेरी उम्र नातें सुनाते सुनाते

मरूं इश्के अहमद को सीने में लेके उठूं कब्र में गीत आका के गाते


कभी उठ के आजाइये मेरे आका मदीने से खुशियों की बारात ले कर

कि इक उम्र बीती है गुमख्वारे आलम मुझे बोझ गम का उठाते उठाते


दो आलम के जितने भी सजदे हों लाओ मगर उसकी कोई न तमसील होगी

जो सजदा किया मेरे शब्बीर ने है सरे करबला सर कटाते कटाते


उमर ले के तलवार है साथ उनके हुए आज हैरां यह कुफ्फार सुन के

तो क्यूं मुशरिकी खौफ से रुक न जाएं हबीबे खुदा को सताते सताते


उस अन्दाज से जैसे पहुंचे थे जामी किसी दिन हमारी हो आका सलामी

किसी दिन मदीने पहुंच जाऊं आका हर इक से मैं खुद को छुपाते छुपाते


तेरी ऐ शजर पूरी होगी तमन्ना दिखाएंगे तुझ को भी आका मदीना

तुझे हो ही जाएगा दीदारे तैबा गमे शह में आंसू बहाते बहाते

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